सोशल मीडिया पर हाल ही में एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें Zepto के टॉक्सिक वर्क कल्चर की बात की गई. पोस्ट लिखने वाले ने खुद को Zepto का कर्मचारी बताते हुए गुप्त रूप से यह जानकारी साझा की. उसने दावा किया कि Zepto प्लेटफॉर्म डार्क पैटर्न्स का इस्तेमाल करता है. Zepto 30 हजार से महंगे फोन से ऐप इस्तेमाल करने वाले को प्रोडक्ट्स की कीमत ज्यादा और 30 हजार से सस्ते फोन से ऐप इस्तेमाल करने वालों को  प्रोडक्टस की कीमत कम दिखाता है.

होटल और कैब बुकिंग में सामने आए चौंकाने वाले रिजल्ट

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Zepto के दावे के आधार पर हमने लाइन टेस्ट किया न सिर्फ Zepto से सामान आर्डर करना बल्कि कैब से लेकर होटल बुकिंग सस्ते और महंगे फोन से करना- रिजल्ट जो सामने आये वो चौंकाने वाले हैं.  सोशल मीडिया पर पोस्ट में Zepto पर टॉक्सिक वर्क कल्चर और डार्क पैटर्न के इस्तेमाल का आरोप.  30,000 रुपये से महंगे फोन पर Zepto products की ज्यादा कीमत और 30,000 से सस्ते फोन पर products की कम कीमत दिखाने का आरोप है.

कीमत में बड़ा बदलाव, प्राइसिंग में एक बड़ा डार्क पैटर्न

जांच में सामने आया कि फोन के मॉडल और यूजर प्रोफाइल के आधार पर कीमतों में बडा बदलाव होता है. ये आनलाइन शॉपिंग में भेदभावपूर्ण प्राइसिंग एक बड़ा डार्क पैटर्न है. Zepto के साथ-साथ महंगे फोन से कैब बुकिंग और होटल रेट्स की जांच में कीमतों में बड़ा फर्क पाया गया. दरअसल कीमतें हर डिवाइस और यूजर के लिए समान होनी चाहिए. डार्क पैटर्न अपनाने वाली कंपनियों पर सरकार से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है.  

क्या है जेप्टो की कमाई का बिजनेस मॉडल

जेप्टो की कमाई का सबसे बड़ा सोर्स है डायरेक्ट सेल्स, जो हर किसी को दिखाई भी देता है. कंपनी थोक में या यूं कहें कि सस्ते दाम पर सामान खरीदती है और कुछ मार्जिन के साथ उसे डिलीवर करती है. ये मार्जिन कंपनी की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा है. तमाम सामान को डिलीवर करने के लिए जेप्टो की तरफ से एक चार्ज लिया जाता है. यह डिलीवरी फीस दूरी के हिसाब से कम ज्यादा हो सकती है, जो 25-30 रुपये के करीब रहती है. अगर आप एक तय सीमा के अधिक की रकम का सामान मंगाते हैं तो आपका डिलीवरी चार्ज माफ भी कर दिया जाता है.