भारत की विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने हाल में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री, रजिस्ट्रार, ट्रांसफर एजेंट और ऑनलाइन डिस्ट्रीब्यूटर को आधार आधारित केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) सत्यापन बंद करने को कहा है. इसके बाद कंपनियां पेपरलेस केवाईसी के लिए अन्य डिजिटल माध्यमों का उपयोग करने की तैयारी में हैं. इसी के अन्तर्गत कुछ कंपनियां अब डिजिलॉकर अकाउंट को एक विकल्प के रूप में देख रही हैं.

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क्या है डिजिलॉकर

भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया मुहिम के तहत डिजिलॉकर अकाउंट की सुविधा प्रदान की है. इसमें आप 1 जीबी तक का क्लाउड स्पेस मुफ्त पाते हैं जिसमें आप अपने दस्तावेज को स्कैन कर रख सकते हैं और जब आवश्यकता हो यह आपको इसके लिए एक्सेस प्रदान किया जाता है. जब आपका डिजिलॉकर अकाउंट खुल जाता है तो आप खुद भी अपने दस्तावेज स्कैन कर अपलोड कर सकते हैं या जिस कंपनी में आपका डिजिलॉकर पंजीकृत है, उनसे भी मदद ले सकते हैं.

वे आपके अकाउंट में ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, स्कूल और यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेट और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज की ई-कॉपी आपको उपलब्ध करा देंगी. जब आप किसी संस्थान या कंपनी में डिजिलॉकर सुविधा लेते हैं तो यह एक तरह से वैधता का संदेश जाता है कि आपके दस्तावेज की सत्यता के गवाह बनते हैं.

मिलती हैं ये सुविधाएं

आपको अपने स्मार्टफोन में डिजिलॉकर ऐप इंस्टॉल करना होता है. इसे आपको अपने Aadhaar से सिंक कराना होता है. इसकी मदद से आप कहीं भी दस्तावेज का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा आप अपने लैपटॉप या कंप्यूटर पर साइन इन कर भी इसे प्राप्त कर सकते हैं. जरूरत पड़ने पर आप डॉक्यूमेंट को सेव कर सकते हैं और इसका प्रिंट आउट भी निकाल सकते हैं. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, डिजिलॉकर अपने खाताधारकों को ई-साइन कर दस्तावेज को स्वयं सत्यापन करने का विकल्प भी देता है.

ऐसे कर सकते हैं एक्सेस

डिजिलॉकर में आपके डॉक्यूमेंट सुरक्षित रहते हैं. ये डॉक्यूमेंट क्लाउड में होते हैं और यह चार अंकों के पिन नंबर से लॉक होता है. इससे यह सुरक्षित रहता है. डिजिलॉकर ऐप में एक्सेस के लिए आधार ओटीपी का विकल्प होता है. यानी हर बार जब आप डिजिलॉकर ऐप में लॉगइन करेंगे, आपको चार अंकों वाले पिन नंबर की जरूरत होती है.

यह ओटीपी आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आता है. भारत में यह सुविधा काफी उपयोगी साबित हो सकती है, लेकिन अभी यह शुरुआती अवस्था में है. डिजिलॉकर की वेबसाइट के मुताबिक फिलहाल देश में 3.36 अरब डॉक्यूमेंट्स तक एक्सेस की सुविधा है.