WhatsApp का भारत में बड़ा एक्शन! 47 लाख से अधिक अकाउंट्स पर लगाया ताला, जानिए क्या है वजह
WhatsApp Ban: WhatsApp ने मार्च के महीने में भारत में 47 लाख से अधिक अकाउंट्स पर ताला लगा दिया है. आइए जानते हैं WhatsApp के इस कड़े एक्शन का क्या कारण है.
WhatsApp Ban: व्हाट्सएप ने भारत में मार्च के महीने में 47 लाख से अधिक अकाउंट्स पर ताला लगा दिया है. पिछले महीने के मकाबले करीब 2 लाख ज्यादा अकाउंट्स पर ये कार्रवाई की गई है. WhatsApp ने अपने मंथली रिपोर्ट में बताया कि इससे पहले कंपनी ने फरवरी में 45 लाख से अधिक खातों को बैन किया था. वहीं कंपनी ने जनवरी में 29 लाख, दिसंबर में 36 लाख और नवंबर में 37 लाख अंकाउंट्स को बैन किया था. कंपनी हर महीने ये यूजर सेफ्टी रिपोर्ट जारी करती है, जिसमें इस बात का पूरा ब्यौरा होता है कि कंपनी को यूजर्स से कितनी शिकायतें मिली हैं और उनपर क्या कार्रवाई की गई है.
47 लाख अकाउंट्स पर लगा ताला
WhatsApp ने अपनी मंथली रिपोक्ट में बताया कि मार्च के महीने में WhatsApp ने 47 लाख से अधिक खातों पर प्रतिबंध लगा दिया. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 1 मार्च, 2023, से 31 मार्च, 2023 के बीच 47,15,906 WhatsApp अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इनमें से 16,59,385 अकाउंट को एक्टिव रूप से बैन कर दिया गया था.
क्यों बैन होता है वॉट्सऐप अकाउंट?
बड़े सोशल मीडिया पलटफोर्म का यूज हेट स्पीच, गलत जानकारी और फेक न्यूज़ फ़ैलाने में कई बार होता है. इस तरह की सिचुएशन से बचने के लिए सोशल मीडिया प्लॅटफॉर्म्सको अकाउंट बैन काने जैसे कदम उठाने पड़ते है.
कैसे होती है कार्रवाई?
WhatsApp की इस रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च महीने में कंपनी को कुल 4720 शिकायत रिपोर्टें प्राप्त हुई और जिसमें से 585 अकाउंट्स पर कार्रवाई भी की गई. इन रिपोर्ट्स में 4316 रिपोर्ट 'बैन अपील' से जुड़ी हुई हैं, जबकि बाकी अकाउंट सपोर्ट, प्रोडक्ट सपोर्ट और सेफ्टी को लेकर थी.
रिपोर्ट में WhatsApp ने कहा, "हम प्राप्त सभी शिकायतों का जवाब देते हैं सिवाय उन मामलों को छोड़कर जहां शिकायत को पिछले टिकट के डुप्लिकेट के रूप में समझा जाता है. एक खाते पर 'कार्रवाई' की जाती है, जब किसी खाते पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है या पहले से प्रतिबंधित खाते को बहाल कर दिया जाता है."
भारत सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म (50 लाख से अधिक यूजर्स वाले) को हर महीने एक कंप्लाएंस रिपोर्ट देना जरूरी होता है, जिसमें कंपनी मिले शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की डीटेल्स देती है. इन बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का हेट स्पीच, गलत जानकारी और फेक न्यूज का अतीत रहा है.
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