WhatsApp ने फरवरी में बैन किए 45 लाख अकाउंट, इन बातों से कर लें तौबा, नहीं तो आपके अकाउंट पर भी लग जाएगा ताला
WhatsApp Ban: व्हाट्सएप ने फरवरी में भारत में 45 लाख से अधिक अकाउंट को बैन कर दिया है. जानिए आखिर ये मामला क्या है?
WhatsApp Ban: पॉपुलर इंस्टेंट चैटिंग ऐप WhatsApp ने फरवरी में 45 लाख से अधिक खातों पर प्रतिबंध लगा दिया है. ये पिछले महीने में व्हाट्सएप द्वारा बैन गए अकाउंट्स के नंबर से कहीं अधिक है. WhatsApp ने जो रिपोर्ट जारी किया है उसके मुताबिक, कंपनी ने जनवरी में 29 लाख अकाउंट को बैन किया था. इसके पहले दिसंबर में 36 लाख और नवंबर में 37 लाख अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया गया था. कंपनी हर महीने अपनी यूजर सेफ्टी रिपोर्ट को जारी करती है, जिसमें WhatsApp को मिली शिकायतों की डीटेल्स के साथ-साथ उन पर की गई कार्रवाई का भी ब्यौरा होता है.
कितने अकाउंट पर हुई कार्रवाई?
व्हाट्सएप के एक प्रवक्ता ने कहा कि लेटेस्ट मासिक रिपोर्ट के अनुसार, WhatsApp ने फरवरी के महीने में 45 लाख से अधिक खातों पर प्रतिबंध लगा दिया. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 1 फरवरी, 2023, से 28 फरवरी, 2023 के बीच 45,97,400 WhatsApp अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इनमें से 12,98,000 अकाउंट को एक्टिव रूप से बैन कर दिया गया था.
क्यों करता है वॉट्सऐप अकाउंट बैन?
बड़े सोशल मीडिया पलटफोर्म का यूज हेट स्पीच, गलत जानकारी और फेक न्यूज़ फ़ैलाने में कई बार होता है. इस तरह की सिचुएशन से बचने के लिए सोशल मीडिया प्लॅटफॉर्म्सको अकाउंट बैन काने जैसे कदम उठाने पड़ते है.
कैसे होती है कार्रवाई?
WhatsApp की इस रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी के दौरान कंपनी को 2,804 शिकायत रिपोर्टें प्राप्त हुईँ और जिसमें से 504 अकाउंट्स पर कार्रवाई भी की गई. इन रिपोर्ट्स में 2,548 रिपोर्ट 'बैन अपील' से जुड़ी हुई हैं, जबकि बाकी अकाउंट सपोर्ट, प्रोडक्ट सपोर्ट और सेफ्टी को लेकर थी.
रिपोर्ट में WhatsApp ने कहा, "हम प्राप्त सभी शिकायतों का जवाब देते हैं सिवाय उन मामलों को छोड़कर जहां शिकायत को पिछले टिकट के डुप्लिकेट के रूप में समझा जाता है. एक खाते पर 'कार्रवाई' की जाती है, जब किसी खाते पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है या पहले से प्रतिबंधित खाते को बहाल कर दिया जाता है."
भारत सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म (50 लाख से अधिक यूजर्स वाले) को हर महीने एक कंप्लाएंस रिपोर्ट देना जरूरी होता है, जिसमें कंपनी मिले शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की डीटेल्स देती है. इन बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का हेट स्पीच, गलत जानकारी और फेक न्यूज का अतीत रहा है.
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