पूरा उत्तर भारत सर्दियों से ठिठुर रहा हैं. इस ठण्ड में गरम कपड़े बचाव के लिए बहुत ही जरुरी हो जाते हैं. ठंडी हवा हो या माइनस में टेम्परेचर, इन सबसे गर्म कपड़े ही हमारा बचाव करते हैं. पर अगर यही गरम कपड़े आपको परेशान करने लगे तो? हां, सही पढ़ा आपने, सर्दियों में वूलेन कपड़ो से एलर्जी बहुत की कॉमन है. खासकर छोटे बच्चे और सेंसिटिव स्किन वाले लोगों में ये प्रॉब्लम ज्यादा दिखती है. इसलिए हमे सर्दियों में इस एलर्जी को लेकर सतर्क रहना चाहिए.

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बात आपको थोड़ी अजीब लगेगी पर कुछ लोगों को गरम कपड़े पहनने के बाद स्किन पर खुजली, जलन या उनकी स्किन लाल हो जाती है, उनकी नाक बहने लगती है, आंखों से पानी आने लगता है, सांस लेने में तकलीफ जैसी दिक्कतें होनी लगती हैं. ऐसे लोगों को ऊनी कपड़ो से एलर्जी होती है. उनको सिर्फ कपड़ों से ही नहीं, बल्कि सॉफ्ट टॉयज, कम्बल जैसी चीज़ों से भी एलर्जी होती हैं. इस प्रॉब्लम को क्लोदिंग डर्मेटाइटिस भी कहते हैं. इसमें स्किन को फाइबर, डाई या फिर केमिकल्स से रिएक्शन हो जाता है.

क्या है इस एलर्जी के सिम्पटम्स?

अगर आपको दिक्कत सेन्सिटिवटी से हैं तो आपको सिर्फ स्किन पर प्रॉब्लम होगी, आपकी स्किन पर खुजली और रैशेस हो जाएंगे. गरम कपड़े अपने पास से हटाते ही ये चीज़ें भी ठीक हो जाएंगी.

लेकिन, अगर आपको एलर्जी है तो इसका असर ज्यादा देर तक रहेगा. अस्थमा, सांस की दिक्कत, साइनोसाइटिस, कान या लंग्स में प्रॉब्लम या फिर ब्लड प्रेशर में फ्लक्चुएशन जैसी बीमारियां हो सकती हैं.

किन चीज़ों से होती है एलर्जी?

  • ऊनी कपड़ों में लेनोलिन होता है. लेनोलिन एक वैक्स की परत होती है जो भेड़ों और उन जानवरों के बाल पर होती है जिनके बालों से ऊन बनता हैं. लेनोलिन से कई लोगों को एलर्जी होती है.
  • सिंथेटिक कपड़ो में केमिकल होते हैं, कई लोगों को उन केमिकल्स से एलर्जी हो जाती हैं.
  • कई बार गर्म कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल में आने वाला डिटर्जेंट भी एलर्जी का कारण बन जाता है.

इन बातों का रखें ख्याल

  • कपड़े खरीदते समय ध्यान रखें कि वो किस मटेरियल से बना हैं. नेचुरल फाइबर के कपड़े लेना अच्छा ऑप्शन हैं. 
  • कपड़ों को धोने के लिए कम खुशबू वाले और केमिकल फ्री डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें.
  • गरम कपड़ो के निचे एक लेयर कॉटन के कपड़ों की पहने.

बचाव के लिए ये करें

  • एलर्जी के लिए डॉक्टर की सलाह लें.
  • स्किन पर अगर दानें हो जाएं तो उन्हें छुए ना. 
  • ज्यादा गरम पानी से ना नहाएं, न ही ज्यादा साबुन लगाएं.
  • हो सकें तो नेचुरल कलर से बने कपड़े खरीदें.

 

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