मोबाइल फोन, लैपटॉप और टैबलेट की दुनिया रोज बदल रही है. आदमी की पूरी दुनिया इन्हीं गैजेट के इर्द-गिर्द सिमट कर रह है. कंपनियों भी इस मौके का फायदा उठाते हुए नए-नए मॉडल लॉन्च कर रही हैं. लेकिन अक्सर यह समस्या रहती है कि आपका महंगा फोन या टैब गिरने टूट जाता है या फिर पानी में भीगने से खराब हो जाता है. लेकिन अब इसकी फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है. पैनासोनिक ने ऐसे नए प्रोडेक्ट लॉन्च किए हैं जो न तो गिरने से टूटते हैं, न ही पानी में डूबने से खराब होते हैं और न ही इन पर किसी जोर के झटके का असर होता है.

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पैनासोनिक इंडिया के सिस्टम और सल्यूशन सिस्टम कारोबार के प्रमुख विजय वधावन ने कंपनी के दो नये उत्पाद एफजेड-टी1 और एफजेड-एल1 को बाजार में उतारने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि टफबुक बनाने की शुरुआत करीब 22 साल पहले हुई थी. उनके मुताबिक तब अमेरिकी सेना ने अपने जवानों के लिए मजबूत उपकरण बनाने के लिए पैनासोनिक को कहा था. 

22 साल लगे भारत आने में

उल्लेखनीय है कि टफबुक जापान की प्रमुख कंपनी पैनासोनिक कॉरपोरेशन का ट्रेडमार्क उत्पाद है. यह मजबूत और ठोस कंप्यूटिंग उपकरण होता है. यह आमतौर पर गिरने, पानी में डूबने और तेज आघात से खराब नहीं होता. इसका इस्तेमाल रक्षा, आपात सेवाओं, स्वास्थ्य सेवाओं, कानून प्रवर्तन एवं विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में किया जाता है.

उन्होंने कहा, 'हमने इसकी शुरुआत की थी तो इसका पेटेंट भी हमारे पास रहा. इसके बाद हमने इसमें क्रमिक सुधार किया और अब इसे हाथ में रखकर चलाने वाले उपकरण के तौर पर विकसित किया.' 

वधावन ने कहा कि वर्तमान में टफबुक और टफपैड का भारतीय बाजार करीब 140 करोड़ रुपये का है, जिसमें से करीब 75 करोड़ का कारोबार अकेले पैनासोनिक के पास है.

60,000 रुपये कीमत

भारत में इसका बाजार करीब 250 करोड़ रुपये का है और इसमें हमारी हिस्सेदारी बहुत कम है. उन्होंने कहा कि अगले तीन साल में पैनासोनिक इंडिया का लक्ष्य इस क्षेत्र में दस प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी हासिल करना है. वधावन ने कहा कि अब इस उपकरण का विस्तार खुदरा बाजारों, वेयरहाउस, ई-वाणिज्य जैसे क्षेत्रों में भी होगा. कंपनी ने इन दोनों उपकरणों की कीमत 60,000 रुपये तय की है.