अक्सर इंटरनेट पर ब्राउजिंग के दौरान किसी वेबसाइट में लॉन-इन करने की जगह जीमेल (Gmail) या फेसबुक (Facebook) अकाउंट के जरिए एक्सेज का विकल्प दिया जाता है. चूंकि इसमें समय कम लगता है, इसलिए हम इस विकल्प को चुन लेते हैं. लेकिन हो सकती है कि इस छोटी सी लापरवाही के चलते जीमेल या फेसबुक एकाउंट और उसमें स्टोर गोपनीय सूचनाएं खतरे में पड़ जाएं. इसलिए किसी भी थर्ड पार्टी ऐप (Third-party apps) को अपने जीमेल या फेसबुक का एक्सेस देते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए और उनके नियम-शर्तों को ध्यान से देखने के बाद ही ऐसा करना चाहिए.

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थर्ड पार्टी ऐप या साइट आपके जीमेल या फेसबुक अकाउंट को कई तरह से एक्सेस कर सकती हैं. ज्यादातर कंपनियों को साइन-इन के लिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे आपका नाम, ईमेल आईडी, पता, प्रोफाइल पिक्चर और संपर्क नंबर चाहिए होता है. अगर आप उस साइट के साथ कोई सरोकार रखना चाहते हैं तो इतना एक्सेस देने में कोई दिक्कत नहीं है.

कुछ वेबसाइट या ऐप का मकसद ही आपका डेटा चोरी करना होता है. इसके लिए वे आकर्षक ऑफर या मजेदार क्विज का झांसा देकर आपके एकाउंट का पूरा एक्सेस ले लेती हैं. यानी एक बार जीमेल या फेसबुक से साइन-इन करने के बाद वे आपके ईमेल, पोस्ट, कमेंट, कॉन्टैक्ट लिस्ट या फ्रैंड लिस्ट को पढ़ने, डाउनलोड करने, एडिट या डिलीट करने का अधिकार ले लेती हैं. ये आपके अकाउंट की सुरक्षा और आपकी गोपनीयता के लिए बड़ा खतरा हो सकता है. किसी भी ऐप को अपने एकाउंट का फुल एक्सेस देने से पहले पूरी तरह सोच विचार कर लेना चाहिए.

किसी भी साइट या ऐप को अपने एकाउंट का एस्सेस देने से पहले इन बातों पर जरूर ध्यान दीजिए -

1. साइट या ऐप कितना भरोसेमंद है. आप उसके बारे में कितना जानते हैं. 

2. ये हो सकता है कि उस ऐप या साइट के डेवलपर का कोई गलत इरादा न हो, लेकिन उसका सर्वर कितना सुरक्षित है. अगर किसी ने सर्वर हैक कर लिया, तो आपकी गोपनीय सूचनाएं भी चोरी हो जाएंगी.

3. साइट या ऐप आपका डेटा क्यों ले रहा है. उसका कैसे इस्तेमाल किया जाएगा. साइट या ऐप पर आपके डेटा को और कौन-कौन देख सकता है.

4. क्या साइट या ऐप से आप अपना डेटा डिलीट कर सकते हैं.