Broadband Speed: सरकार ने स्लो इंटरनेट पर चाबुक चलाया है. सरकार ने ब्रॉडबैंड की न्यूनतम स्पीड तय कर दी है. नोटिफिकेशन के मुताबिक, सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के लिए न्यूनतम 2 एमबीपीएस (2MBPS) डाउनलोड स्पीड जरूरी होगी. भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) की सिफारिश पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार ने ब्रॉडबैंड की परिभाषा बदली है.

नियम तत्काल प्रभाव से लागू

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सरकार ने कहा कि नया नियम तत्काल प्रभाव से लागू होगा. ब्रॉडबैंक एक डाटा कनेक्शन है जो इंटरनेट एक्सेस सहित इंटरएक्टिव सर्विस को प्रदान करने में सक्षम है और जिसमें ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सर्विस प्रोवाइडर के प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) से किसी इंडिविजुअल सब्सक्राइबर को 2MBPS की न्यूनतम डाउनलोड स्पीड प्रदान करने की क्षमता है.

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5G ऐप और सर्विसेज के लिए बनेंगे 100 लैब

आपको बता दें कि वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में 5G ऐप और सेवाओं को विकसित करने के लिए 100 लैब बनाने की घोषणा की है. इन लैब्स में 5जी सेवाओं के ऐप विकसित किए जाएंगे.

ट्राई के साथ टेलीकॉम कंपनियों की 17 फरवरी को बैठक

TRAI ने 17 फरवरी को टेलीकॉम कंपनियों के साथ बैठक बुलाई है. इस बैठक में सेवा की क्वालिटी में सुधार के उपायों, 5G सर्विस के लिए मानकों पर चर्चा की जाएगी. यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि टेलीकॉम सर्विस की क्वालिटी में सुधार से कॉल ड्रॉप और खराब नेटवर्क से परेशान मोबाइल ग्राहकों को राहत मिलेगी. यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब देशभर में अत्यधिक तेज गति वाली 5G सेवाएं शुरू हो रही हैं. अबतक भारत के 200 से अधिक शहरों में 5G सेवाओं की शुरुआत हुई है.

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