सैन फ्रांसिस्को: गूगल आईओएस पर आईफोन के सफारी ब्राउसर में डिफॉल्ट सर्च इंजन बने रहने के लिए 2018 में भारी भरकम 9 अरब डॉलर का भुगतान करेगी. 9टू5 मैन की शनिवार देर रात की रिपोर्ट के मुताबिक, गोल्डमैन सैश के विश्लेषक रॉड हॉल (बिजनेस इनसाइडर के जरिए) के मुताबिक, इस रकम में अभी आगे और भी इजाफा होगा. संभावना है कि साल 2019 में गूगल 12 अरब डॉलर का भुगतान करे.

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हालांकि एपप्ल आईओएस पर सफारी में गूगल को डिफॉल्ट सर्च इंजन के रूप में इस्तेमाल करती है, लेकिन वह कई अन्य स्थानों पर बिंग का इस्तेमाल करती है, जैसे सीरी में किया जानेवाला सर्च बिंग के माध्यम से ही होता है. एप्पल का मानना है कि कंपनी की सेवाओं की वृद्धि दर आगे काफी अच्छी होगी, क्योंकि उसके हार्डवेयर की बिक्री में तेजी आई है.

गूगल प्रति डिवाइस 12.85 डॉलर का पेमेंट कर रही

सफारी एप्पल का इन हाउस ब्राउजर है, जो सभी iOS पावर्ड डिवाइस पर प्री-इंस्टॉल आता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2017 तक दुनियाभर में 70 करोड़ आईफोन डिवाइस थे. ऐसे में 9 अरब डॉलर की राशि से अगर इसका आकलन किया जाए तो गूगल एप्पल को हर डिवाइस पर गूगल ब्राउजर को डिफॉल्ट में देने के लिए प्रति डिवाइस 12.85 डॉलर का पेमेंट कर रही है. यह आंकड़ा डेढ़ साल पहले का है. एप्पल म्यूजिक को कंपनी ने साल 2015 में पेश किया था, और उसके बाद इसमें हर साल स्थिर वृद्धि दर दर्ज की गई है. 

गूगल के हुए 20 साल

दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल की शुरुआत 1996 में एक रिसर्च परियोजना के दौरान लैरी पेज़ और सर्गेई ब्रिन ने की थी. Google.com डोमेन का रजिस्ट्रेशन 15 सितंबर 1995 को किया गया था. गूगल एक कंपनी के तौर पर 4 सितंबर 1998 को रजिस्टर की गई थी. आज गूगल 150 से भी अधिक भाषाओं में उपलब्ध है.