Google AI Lumiere: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर गूगल,माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी टेक कंपनियां लगातार नए प्रयोग कर रही है. इसी कड़ी में गूगल जल्द ही अपना नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ल्यूमर लॉन्च कर सकता है. फिलहाल इस पर काम चल रहा है. गूगल का ये नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्स्ट-टू-वीडियो जनरेशन कर सकता है. ल्यूमियर छोटे फ्रेम्स को एक साथ रखने के बजाय एक प्रोसेस में 5-सेकंड का वीडियो बनाता है. 

Google AI Lumiere: टेक्स्ट बेस्ड प्रांप्ट का करता है इस्तेमाल, लगातार वीडियो कर सकता है एडिट 

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गूगल का ये नया AI टेक्स्ट-बेस्ड प्रांप्ट का उपयोग कर लगातार वीडियो एडिट कर सकता है. इसके अलावा इमेज का उपयोग कर कई स्टाइल में वीडियो तैयार कर सकता है. साथ ही डिजाइन कंटेंट क्रिएशन टास्क और वीडियो एडिटिंग एप्लीकेशन की एक वाइड रेंज की सुविधा प्रदान करता है, जिसमें इमेज-टू-वीडियो, वीडियो इनपेंटिंग और स्टाइलिश जनरेशन शामिल है. ये स्पेस-टाइम-यू-नेट यानी एसटीयूनेट नामक एक नए प्रसार मॉडल का इस्तेमाल करता है. 

गूगल के नए प्रसार मॉडल टेक्नोलॉजी यह पता लगाती है कि वीडियो (स्पेस) में चीजें कहां हैं. वे एक साथ कैसे चलती और बदलती हैं (समय). गूगल के शोधकर्ताओं ने पेपर में कहा, "हम एक स्पेस-टाइम यू-नेट आर्किटेक्चर पेश करते हैं जो मॉडल में सिंगल पास के जरिए एक ही बार में वीडियो की पूरी टेम्पोरल ड्यूरेशन उत्पन्न करता है." डिज़ाइन कंटेंट क्रिएशन टास्क और वीडियो एडिटिंग एप्लीकेशन की एक वाइड रेंज की सुविधा प्रदान करता है, जिसमें इमेज-टू-वीडियो, वीडियो इनपेंटिंग और स्टाइलिश जनरेशन शामिल है. 

गूगल का ये नया टेक्स्ट-बेस्ड प्रांप्ट का इस्तेमाल कर लगातार वीडियो एडिट कर सकता है. इसके अलावा इमेज के विशिष्ट क्षेत्रों को एनिमेट कर सिनेमोग्राफ बना सकता है. गूगल शोधकर्ताओं ने कहा कि एआई मॉडल पांच-सेकंड लंबे 1024 गुना 1024 पिक्सेल वीडियो आउटपुट करता है, जिसे वे "कम-रिजॉल्यूशन" के रूप में वर्णित करते हैं. ल्यूमियर स्टेबल वीडियो डिफ्यूजन के 25 फ्रेम की तुलना में 80 फ्रेम भी उत्पन्न करता है.