टेक कंपनियों के लिए केंद्र ने जारी की एडवाइजरी, AI मॉडल लॉन्च करने से पहले लेनी होगी परमिशन
केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी टेक कंपनियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी एडवाइजरी जारी की है. केंद्र सरकार ने एआई के दुरुपयोग पर बड़े इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की कड़ी आलोचना की है.
केंद्र ने शनिवार को एआई के दुरुपयोग पर बड़े इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की कड़ी आलोचना की है. केंद्र सरकार ने कहा कि सभी मध्यस्थों को किसी भी पूर्वाग्रह या भेदभाव की अनुमति नहीं देनी चाहिए या चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को खतरे में नहीं डालना चाहिए. उसने कहा कि देश में कोई भी एआई मॉडल लॉन्च करने से पहले सरकार की अनुमति अवश्य लें. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आईटी मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि मध्यस्थ या प्लेटफॉर्म नए आईटी नियम, 2021 के तहत उल्लिखित उचित जांच दायित्वों को पूरा नहीं कर रहे हैं.
डीपफेक से संबंधित नियमों का करें पालन, 15 दिन के अंदर सौंपनी होगी रिपोर्ट
पिछले साल दिसंबर में जारी एडवाइजरी के अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अब कहा है कि सभी मध्यस्थों/प्लेटफॉर्मों को सलाह दी जाती है कि वे एआई के कारण यूजरों को होने वाले नुकसान और गलत सूचना, विशेष रूप से डीपफेक संबंधी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें. डिजिटल प्लेटफार्मों को तत्काल प्रभाव से नए दिशानिर्देशों का पालन करने और इस एडवाइजरी के 15 दिन के भीतर मंत्रालय को की गई कार्रवाई-सह-स्थिति रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है.
टेस्टिंग फेज में है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल, सरकार की लेनी होगी अनुमति
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा, "हाल ही में गूगल जेमिनी एआई विवाद के आलोक में, एडवाइजरी अब विशेष रूप से एआई से संबंधित है. डिजिटल प्लेटफॉर्म को पूरी जवाबदेही लेनी होगी और यह कहकर नहीं बच सकते कि ये एआई मॉडल परीक्षण के चरण में हैं." सोशल मीडिया मीडिएटर्स को परीक्षण के तहत एआई प्लेटफार्मों को लेबल करना होगा, सरकार की अनुमति लेनी होगी और अंतिम यूजरों की सहमति भी लेनी होगी कि उनके एआई मॉडल और सॉफ्टवेयर में त्रुटियां होने की संभावना है ताकि नागरिकों को उनके परिणामों के बारे में पता चल सके.
सरकार ने अपने दिशा निर्देशों में सरकार ने कही ये बात
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी मध्यस्थों या प्लेटफार्मों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एआई मॉडल/एलएलएम/जेनरेटिव एआई, सॉफ्टवेयर या एल्गोरिदम का उपयोग "अपने यूजरों को किसी भी चीज को होस्ट, प्रदर्शित, अपलोड, संशोधित, प्रकाशित, प्रसारित, स्टोर, अपडेट या साझा करने की अनुमति नहीं देता है." नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि परीक्षण से गुजर रहे/अविश्वसनीय एआई मॉडल का उपयोग और भारतीय इंटरनेट पर यूजरों के लिए इसकी उपलब्धता “भारत सरकार की स्पष्ट अनुमति के साथ की जानी चाहिए और उत्पन्न आउटपुट की संभावित और अंतर्निहित गलतियों या अविश्वसनीयता को उचित रूप से लेबल करने के बाद ही ऐसा किया जाना चाहिए.”