भूकंप के झटके हों या बाढ़ का पानी, कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे Atal Setu का, इन 8 टेक्नोलॉजी से बना है सबसे लंबा समुद्री पुल
Atal Setu Bridge Technology: इस पुल में टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल किया गया है, जिसकी मदद से आने वाले समय में न तो ये भूकंप से झटकों से हिलेगा और न ही बाढ़ के पानी से. जानिए कौन-कौन सी टेक्नोलॉजी का किया गया इस्तेमाल
Atal Setu Bridge Technology: भारत ने समंदर पर पुल बनाने की शुरूआत कर दी है. हाल ही में देश का सबसे लंबा पुल तैयार हुआ है, जिसका उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस पुल की इन दिनों काफी चर्चाएं चल रही है. चर्चाएं इतनी जोरों से चल रही हैं कि कुछ लोगों ने इसे फोटोग्राफी स्पॉट बनाया तो कुछ ने इसे पिकनिक स्पॉट बना दिया. क्योंकि ये है ही इतना एडवांस. हाईटेक टेक्नोलॉजी से लैस इस पुल की मदद से नवी मुंबई से मुंबई तक की दूरी सिर्फ 20 मिनट में पूरी की जा सकती है. इसे 17,840 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से तैयार किया गया है. इस पुल में टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल किया गया है, जिसकी मदद से आने वाले समय में न तो ये भूकंप से झटकों से हिलेगा और न ही बाढ़ के पानी से. कौन-कौन सी टेक्नोलॉजी का यूज करके ये पुल बनाया गया है. आइए जानते हैं.
पुल का Atal Setu नाम क्यों रखा गया?
इस पुल का नाम अटल सेतु पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की याद में रखा गया है. इस पुल का शिलान्यास साल 2016 में PM मोदी ने किया था. इसकी लंबाई 21.8 किलोमीटर है और यह 6 लेन वाला पुल है. ये 16.5 किमी लंबा समुद्र के ऊपर और लगभग 5.5 किमी जमीन पर बना है. यह भारत का सबसे लंबा पुल है, जो देश का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है. यह मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को तेज कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा में लगने वाले समय को भी कम करेगा. यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा.
इन टेक्नोलॉजी से लैस है ये पुल
1. आइसोलेशन बियरिंग (6.5 रिक्टर के तेज भूकंप को भी झेल सकता है ये पुल)
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इस पुल को काफी स्ट्रॉन्गली डिजाइन किया गया है. इसके बेस में आइसोलेशन बियरिंग (Isolation Bearing) का इस्तेमाल किया गया है. ये भूकंप के झटकों को आसानी से अबजॉर्ब कर सकता है, जिससे पुल को कोई भी खतरा नहीं पहुंचेगा. रिपोर्ट्स बताती हैं कि ये 6.5 रिक्टर तक का तेज झटका सहन कर सकता है.
2. नॉयस बेरियर (शोर को कम करेगा ये पुल)
शोर को कम करने के लिए इस पुल में नॉयस बैरियर (Noise Barrier) लगाया गया है. पुल के किनारों पर इस टेक्नोलॉजी के साथ-साथ एक साइलेंसर भी फिट किया गया है. ये साउंड को कम करने में मदद करता है. इससे समुद्री जीवों के साथ-साथ पुल पर सफर करने वाले लोगों को शोर-शराबा नहीं सुनाई देगा.
3. इको फ्रैंडली लाइट्स (लाइट्स से नहीं आएगी जीवों को परेशानी)
इस पुल में इको फ्रैंडली लाइट्स का इस्तेमाल किया गया है, जो आसपास के समुद्री जीवों को परेशान नहीं करेगी. अक्सर तेज लाइटों की वजह से कई जीव जंतुओं को कई परेशानी होती हैं.
4. इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (टोल सिस्टम किया गया है फिट)
इस पुल का मक्सद लोगों को कम समय में अपनी डेस्टीनेशन में पहुंचाना है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन का सिस्टम जोड़ा गया है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से लोगों की गाड़ियां का टोल बिना रोके कट जाएगा, जो ऑटोमैकिट सिस्टम है.
5. रियल टाइम ट्रैफिक इंफोर्मेशन (रियल टाइम ट्रैफिक का मिलेगा पल-पल अपडेट)
पुल पर रियर टाइम ट्रैफिक इंफोर्मेशन का सपोर्ट भी है. इसकी मदद से रियल टाइम ट्रैफिक या फिर एक्सीडेंट की जानकारी मिलेगी. यानी एक्सीडेंट की स्थिती में लोकेशन पर जल्द-जल्द से राहत पहुंचाई जा सकेगी.
6. स्टील प्लेट सपोर्ट (पुल की उम्र बढ़ाने का करेगा काम)
इस पुल में स्टील प्लेट का सपोर्ट है. इसी के साथ स्टील बीम का भी सपोर्ट दिया गया है. इसकी मदद से पुल की उम्र काफी बढ़ जाएगी. ट्रेडिशनल कंक्रीट की तुलना में ये ज्यादा हल्का और ज्यादा मजबूत है. ऐसे में ये तेज हवाओं में पुल को मजबूती देने का काम करेगा.
7. स्टील डेक (दो पिलर के बीच में ज्यादा गैप)
पुल को और स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए पिलर के बीच की दूरी मेंटेन करने के लिए इसमें स्टील डेक का इस्तेमाल किया गया है. इसकी मदद से पिलर की संख्या में कमी आई है.
8. रिवर्स सर्कुलेशन रिग (ड्रिलिंग के साउंड और वाइब्रेश को करेगा कम)
पुल को बनाने के लिए रिवर्स सर्कुलेशन रिग का इस्तेमाल भी किया गया है. इसकी मदद से ड्रिलिंग के दौरान साउंड और वाइब्रेशन को कम करने में मदद मिलती है.
ब्रिज पर नहीं जा सकते ऑटो और टू-व्हीलर
मुंबई पुलिस का कहना है कि इस ब्रिज पर केवल चार पहिये वाली गाड़ियां ही जा सकती हैं. लेकिन ऑटो रिक्शा, ट्रैक्टर, मोटरबाइक जैसे वाहन इस ब्रिज पर नहीं जा सकते.
04:32 PM IST