बड़ी टेक कंपनियों पर सरकार का शिकंजा, AI मॉडल लॉन्च करने से पहले लेनी होगी मंजूरी, Startup को मिलेगी राहत
Artificial Intelligence Advisory: केंद्र सरकार ने सोमवार को बताया कि देश में नए AI मॉडल लॉन्च करने के पहले बड़े टेक फर्म और उनके सहायक सोशल मीडिया कंपनियों को पूर्वानुमति लेनी होगी. हालांकि ये नियम स्टार्टअप पर लागू नहीं होगा.
Artificial Intelligence Advisory: केंद्र सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि देश में नए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मॉडल लॉन्च करने की पूर्वानुमति की एडवाइजरी केवल बड़े टेक प्लेटफार्मों और उनकी सोशल मीडिया सहायक कंपनियों पर लागू होगी, स्टार्टअप पर नहीं. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि IT Ministry की लेटेस्ट एडवाइजरी महत्वपूर्ण प्लेटफार्मों के लिए है और मंत्रालय की अनुमति केवल बड़े प्लेटफार्मों के लिए है और स्टार्टअप पर लागू नहीं होगी.
उन्होंने सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया, "एडवायजरी उन AI प्लेटफॉर्म्स के लिए हैं, जिनकी टेस्टिंग भारतीय इंटरनेट पर नहीं हुआ है."
इंटरनेट पर सिक्योरिटी को लेकर उठाया कदम
उन्होंने आगे कहा कि परीक्षण न किए गए प्लेटफार्मों के बारे में यूजरों से अनुमति लेने, लेबल लगाने और सहमति-आधारित प्रकटीकरण की प्रक्रिया उन प्लेटफार्मों के लिए बीमा पॉलिसी है जिन पर अन्यथा उपभोक्ताओं द्वारा मुकदमा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि देश के इंटरनेट की सुरक्षा और विश्वास सरकार, यूजरों और प्लेटफार्मों के लिए एक साझा और सामान्य लक्ष्य है.
एआई मॉडल को लॉन्च करने से पहले सरकार की अनुमति
केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह AI के दुरुपयोग पर बड़े इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि सभी मध्यस्थों को किसी भी तरह का पूर्वाग्रह या भेदभाव नहीं करना चाहिए या चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को खतरे में नहीं डालना चाहिए, और देश में किसी भी एआई मॉडल को लॉन्च करने से पहले सरकार की अनुमति लेनी चाहिए.
15 दिन के अंदर देनी होगी रिपोर्ट
डिजिटल प्लेटफार्मों को तत्काल प्रभाव से नए दिशानिर्देशों का पालन करने और एडवाइजरी जारी होने के 15 दिन के भीतर मंत्रालय को की गई कार्रवाई-सह-स्थिति रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. मंत्री ने कहा कि हाल ही में गूगल जेमिनी एआई विवाद के आलोक में एडवाइजरी अब विशेष रूप से एआई से संबंधित है. डिजिटल प्लेटफॉर्म को पूरी जवाबदेही लेनी होगी और यह कहकर नहीं बच सकते कि यह एआई मॉडल परीक्षण के चरण में हैं.
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, "आईटी अधिनियम और/या आईटी नियमों के प्रावधानों का अनुपालन न करने पर मध्यस्थों या प्लेटफार्मों या इसके यूजरों की पहचान होने पर संभावित दंडात्मक परिणाम होंगे, जिसमें आईटी अधिनियम और आपराधिक संहिता के कई अन्य कानूनों के तहत अभियोजन शामिल है, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है."