iPhone India Employment: आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल अगले तीन साल में भारत में वेडर्स के जरिए लगभग पांच लाख लोगों को भारत में नौकरी देगी. सरकारी सूत्रों ने ये दावा किया है. फिलहाल एप्पल भारत में वेंडर्स और सप्लायर्स के जरिए 1.5 लाख लोगों को रोजगार देता है. एप्पल के लिए दो संयंत्र चलाने वाली टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करती है. बाजार शोध कंपनी काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, एप्पल ने पहली बार 2023 में सबसे अधिक राजस्व के साथ भारतीय बाजार में सबसे आगे रही है. 

iPhone India Employment: भारत में नियुक्तियों में तेजी ला रहा है एप्पल, कंपनी ने नहीं दिया जवाब

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पीटीआई से बातचीत में सरकारी सूत्रों ने कहा है कि 'एप्पल भारत में नियुक्तियों में तेजी ला रहा है. एक पुराने अनुमान के अनुसार, यह अपने विक्रेताओं और कलपुर्जे आपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से अगले तीन साल में पांच लाख लोगों को रोजगार देने जा रहा है." इस संबंध में जब पीटीआई भाषा ने एप्पल से संपर्क किया गया तो कंपनी ने कोई बयान नहीं दिया. एप्पल की अगले चार-पांच साल में भारत में उत्पादन को पांच गुना से अधिक बढ़ाकर 40 अरब डॉलर (लगभग 3.32 लाख करोड़) करने की योजना है.

iPhone India Employment: 10 मिलियन यूनिट का आंकड़ा किया पार, 100 फीसदी की दर्शाता है वृद्धि

बाजार शोध कंपनी काउंटरपॉइंट रिसर्च ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि एप्पल ने शिपमेंट में 10 मिलियन यूनिट का आंकड़ा पार कर लिया. कंपनी ने पहली बार एक कैलेंडर वर्ष में राजस्व में शीर्ष स्थान हासिल किया है. भारत से Apple का iPhone निर्यात 2022-23 में 6.27 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 12.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो लगभग 100 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्शाता है. गौरतलब है कि भारी बिक्री के मामले में सैमसंग चार्ट में शीर्ष पर है.

iPhone India Employment: चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है एप्पल, इन भारतीय कंपनियों से कर रहा बातचीत

गौरतलब है कि न्यूज एजेंसी IANS ने पिछले दिनों एक रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि एप्पल चीन पर अपनी निर्भरता जैसे-जैसे कम कर रहा है, आईफोन निर्माता भारत में निवेश बढ़ा रहा है और कथित तौर पर फोन कैमरा मॉड्यूल के लिए उप-घटकों (सब-कंपोनेंट्स) को इकट्ठा करने के लिए टाटा समूह की टाइटन कंपनी और मुरुगप्पा समूह के साथ बातचीत कर रहा है. इसका मकसद है "मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देना और देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न अंग बनना है.