मर्जिन के दबाव और जियो से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच देश की प्रमुख दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल के मुखिया सुनील मित्तल ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा है कि भारत में दूरसंचार क्षेत्र पर टैक्स बहुत अधिक है, जिसका असर कमाई और विस्तार योजना पर पड़ रहा है. सुनील मित्तल ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा, 'हम जो 100 रुपये कमाते हैं, उसमें से करीब 37 रुपये लेवी या टैक्स के रूप में चली जाती है. हमें अधिक निवेश की जरूरत है. स्पेक्ट्रम की कीमत बहुत अधिक है. जीएसटी भी बहुत ज्यादा है.'

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उन्होंने कहा कि नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशंस पॉलिसी (एनडीसीपी) ने पिछली नीति की तरह ही ये माना है कि अधिक से अधिक मुनाफा कमाना मकसद नहीं है, बल्कि मकसद है अधिक से अधिक देशवासियों तक पहुंच बनाना. मित्तल ने कहा, 'पिछली नीति का उद्देश्य था कि दूरसंचार सेवाएं अधिक से अधिक लोगों की पहुंच में हों. एनडीसीपी ने भी ये माना है कि अधिकतम राजस्व जुटाना इसका उद्देश्य नहीं है. तो फिर आखिर ऑपरेटर और दूरसंचार विभाग राजस्व बढाने के मसले पर मुकदमें क्यों लड़ रहे हैं.' 

उन्होंने कहा कि दूरसंचार उद्योग पर 'तंबाकू उद्योग की तरह ही' टैक्स लगाया जा रहा है और इस मसले का जल्द से जल्द समाधान करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'अगर हमें बहुत तेजी से आगे बढ़ना है तो इस तरह की बाधाएं नहीं होनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां यहां शिफ्ट हों और फाइबर को एक राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाए. 

इंडियन मोबाइल कांग्रेस का आयोजन नई दिल्ली में किया गया है और ये कार्यक्रम 27 अक्टूबर तक चलेगा. कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में सुनील मित्तल के साथ ही मुकेश अंबानी और केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद भी शामिल हुए. दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्यूलर ऑरपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक राजन एस. मैथ्यू ने बताया, 'बार्सिलोना में वर्ल्ड मोबाइल कांग्रेस का आयोजना किया जाता है, लेकिन हर कोई वहां जा नहीं पाता है. इस बार हमारे पास एफसीसी चेयरमैन अजित पई, यूरोपीय संघ के उपाध्यक्ष आंद्रस अंसिप और बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) देशों के प्रतिनिधियों जैसे वैश्विक वक्ता होंगे.'

(एजेंसी इनपुट के साथ)