5G नेटवर्क सर्विस का लुत्फ अगले साल ले सकेंगे देशवासी, होगी स्पेक्ट्रम नीलामी
5G in India news: दूरसंचार विभाग पर संसद की स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee on DoT) की सोमवार को प्रस्तुत इस रिपोर्ट में 5जी सेवाएं शुरू होने में देरी के लिए विभाग की खिंचाई की गई है.
इससे पहले रेडियो तरंगों की नीलामी का एक और दौर खत्म किया जाना है. (रॉयटर्स)
इससे पहले रेडियो तरंगों की नीलामी का एक और दौर खत्म किया जाना है. (रॉयटर्स)
5G in India news: देश में अब और फास्ट इंटरनेट (Internet) नेटवर्क सर्विस यानी 5जी (5G network) अगले साल से मिलनी शुरू हो जाएगी. सरकार को उम्मीद है कि देश में पांचवी पीढ़ी की टेलीकॉम सर्विस (5G) अगले साल के शुरुआती महीनों में शुरू हो जाएंगी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, संसद की एक समिति के ताजा रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इससे पहले रेडियो तरंगों की नीलामी का एक और दौर खत्म किया जाना है. दूरसंचार विभाग पर संसद की स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee on DoT) की सोमवार को प्रस्तुत इस रिपोर्ट में 5जी सेवाएं शुरू होने में देरी के लिए विभाग की खिंचाई की गई है. इसमें कहा गया है कि कई देशों में 5जी नेटवर्क आधारित सेवाएं शुरू हो चुकी हैं.
स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी (Spectrum will be auctioned)
खबर के मुताबिक, दूरसंचार मंत्रालय (Ministry of Telecommunications) ने 1 मार्च से रेडियो तरंगों की नीलामी की घोषणा कर रखी है. इसमें 3.92 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी (Spectrum auction) की जाएगी. लेकिन इसमें 5जी सेवाओं के लिए अपेक्षित बैंड के स्पेक्ट्रम नहीं होंगे. समिति को बताया गया कि 5जी सेवाओं की शुरुआत 2021 के आखिर या 2022 के शुरू में हो जाएगी. शुरुआत में यह कुछ खास मकसद के लिए ही होगी. भारत में 4जी सेवाओं के विस्तार में में भी 5-6 वर्ष लग गए थे. समिति के अध्यक्ष सांसद शशि थरूर हैं.
देरी पर समिति ने जताई नाराजगी (Committee expressed displeasure over the delay)
रिपोर्ट में कहा गया कि चीजों को देखते हुए, समिति के सदस्यों का मानना है कि भारत में 5जी सेवा शुरू करने के लिए जरूरी तैयारी नहीं की गई है. दूसरे देशों के मुकाबले में भारत इस मामले में अभी शुरुआती फेज से आगे नहीं बढ़ सका है. समिति ने कहा है कि 5जी में देरी देश में काम की योजनाएं बनाने और उनके क्रियान्वयन की क्षमता पर सवाल खड़ा करता है. ऐसा लगता है कि अगर सरकार ने जरूरी जगहों पर हस्तक्षेप नहीं किया तो भारत 2जी, 3जी और 4जी (2G, 3G and 4G) में पीछे रहने के बाद 5G के मामले में भी भारत के अवसर गंवा सकता है.
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कंपनियों ने पहले ही दे दिया है ट्रायल के लिए एप्लीकेशन (Companies have already given applications for trial)
रिपोर्ट में दूरसंचार कंपनियों के मंच सीओएआई की इस चिंता की चर्चा है कि कंपनियों ने 5जी के ट्रायल के लिए एप्लीकेशन जनवरी 2020 में ही दे दिए थे पर अभी तक उसके लिए गाइडलाइंस जारी नहीं हुए है. अभी इसके लिए कोई तारीख भी तय नहीं की गई है. विभाग ने समिति से कहा है कि 5G के ट्रायल के लिए टेस्टिंग प्लेटफॉर्म अक्टूबर 2021 तक तैयार हो सकता है. समिति ने इस बात पर खेद जताया है कि विभाग (डीओटी) ने पिछले समय में हुई देरियों से कोई सीख नहीं ली है.
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09:27 AM IST