कहीं आधार से आपका नाम और बैंकिंग डिटेल्स तो नहीं हो गए चोरी? रिपोर्ट में दावा
भारत डाटा सेंधमारी की घटनाओं में इस साल की पहली छमाही में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर रहा है.
भारत डाटा सेंधमारी मामलों में इस साल की पहली छमाही में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर रहा है. डिजिटल सुरक्षा कंपनी गेमाल्टो की एक रिपोर्ट में दावा है कि वर्ष 2018 की पहली छमाही (जनवरी से जून) में आधार सेंधमारी के मामलों में एक अरब रिकॉर्ड चोरी हुए. इनमें नाम, पता या अन्य व्यक्तिगत सूचनाएं शामिल हैं. इस बारे में भारत विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को भेजे ईमेल का जवाब नहीं मिला.
अमेरिका में सबसे ज्यादा डाटा चोरी की घटनाएं
रिपोर्ट के अनुसार भारत में आधार आंकड़ों से ‘समझौते’ की वजह से सेंधमारी का आंकड़ा ऊंचा रहा है. गेमाल्टो की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका अब भी इस तरह के हमलों का सबसे बड़ा शिकार है. वैश्विक स्तर पर सेंधमारी के कुल मामलों में 57 प्रतिशत का शिकार अमेरिका रहा है. कुल रिकॉर्ड चोरी में 72 प्रतिशत अमेरिका में चोरी हुए हैं. हालांकि, सेंधमारी के मामलों में इससे पिछली छमाही की तुलना में 17 प्रतिशत की कमी आई.
37 प्रतिशत का शिकार भारत बना
सेंधमारी या रिकॉर्ड चोरी की बात की जाए तो वैश्विक स्तर पर हुए ऐसे मामलों में 37 प्रतिशत का शिकार भारत बना है. ताजा आंकड़ों के अनुसार वैश्विक स्तर पर 945 सेंधमारी मामलों में 4.5 अरब डेटा चोरी हुए. इनमें से भारत में एक अरब डाटा चोरी के मामले सामने आए.
फेसबुक से सबसे ज्यादा डाटा चोरी
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया मंच प्लेटफार्म पर दो अरब प्रयोगकर्ताओं के डाटा की सेंधमारी हुई. यह वैश्विक स्तर पर इस तरह की सबसे बड़ी घटना है. इसके बाद आधार डाटा में सेंधमारी का स्थान आता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक गुमनाम सेवा किसी को भी 500 रुपये खर्च कर 1.2 अरब भारतीय नागरिकों की व्यक्तिगत सूचनाओं तक पहुंच उपलब्ध करा रही थी.
UIDAI ने डाटा चोरी से किया था इनकार
यूआईडीएआई ने हालांकि, डाटा सेंधमारी की किसी घटना से इनकार किया था लेकिन साथ ही उसने इस बारे में खबर करने वाली पत्रकार रचना खैरा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
इनपुट पीटीआई से भी