तो इस वजह से दलाल स्ट्रीट पर बुल ने लगाई दहाड़, निवेशकों ने एक ही दिन में कर ली बंपर कमाई
भारतीय शेयर बाजार में 14 जनवरी को चार दिन से जारी गिरावट पर विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 170 अंक के लाभ में रहा. खुदरा महंगाई में नरमी और वैश्विक बाजारों में तेजी से घरेलू बाजार पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा.
भारतीय शेयर बाजार में 14 जनवरी को चार दिन से जारी गिरावट पर विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 170 अंक के लाभ में रहा. खुदरा महंगाई में नरमी और वैश्विक बाजारों में तेजी से घरेलू बाजार पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 169.62 अंक यानी 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 76,499.63 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 505.6 अंक तक चढ़ गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 90.10 अंक यानी 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,176.05 अंक पर बंद हुआ.
क्यों आई बाजार में तेजी?
कारोबारियों के अनुसार, निवेशकों की लगातार बिकवाली और कच्चे तेल के दाम में तेजी से शेयर बाजार पर दबाव बना और लाभ सीमित रहा. बीएसई सेंसेक्स इससे पिछले चार कारोबारी सत्रों में 1,869.1 अंक यानी 2.39 प्रतिशत नीचे आया था. सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में एनटीपीसी, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, जोमैटो, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, भारतीय स्टेट बैंक, इंडसइंड बैंक और मारुति के शेयर भी लाभ में रहे. दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाइटन, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं. IT कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज के दिसंबर तिमाही के वित्तीय परिणाम के बाद कंपनी का शेयर 8 प्रतिशत से अधिक के नुकसान में रहा.
एचसीएल टेक ने सोमवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसका एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी (अक्टूबर-दिसंबर) तिमाही में 5.54 प्रतिशत बढ़कर 4,591 करोड़ रुपये रहा है. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों एवं अन्य खाद्य उत्पादों की कीमतें कम होने से दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई घटकर 5.22 प्रतिशत पर आ गई. यह चार महीने का सबसे निचला स्तर है. इससे यह उम्मीद बढ़ी है कि भारतीय रिजर्व बैंक अगले महीने पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक बाजार में तेजी और घरेलू स्तर पर खुदरा महंगाई में नरमी का बाजार पर सकारात्मक प्रभाव रहा. इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती को लेकर कदम उठा सकता है. हालांकि, कच्चे तेल के दाम में तेजी तथा 10 साल के बॉन्ड पर ऊंचे प्रतिफल पर नजर होगी. चौथी तिमाही के लिए कमजोर आय अनुमान को लेकर चिंता के बीच आईटी शेयरों में गिरावट आई. घरेलू धारणा कंपनियों के दिसंबर तिमाही के परिणाम और आगामी केंद्रीय बजट से प्रभावित होगी. इसको लेकर मिला-जुला रुख है.
विदेशी बाजार का क्या है हाल?
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में, जबकि जापान का निक्की नुकसान में रहा. यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में तेजी का रुख रहा. अमेरिकी बाजार में सोमवार को मिला-जुला रुख था. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 4,892.84 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.12 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81.11 डॉलर प्रति बैरल रहा. इस बीच, मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गैर-खाद्य वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों और ईंधन के दाम बढ़ने से थोक महंगाई पिछले महीने यानी दिसंबर में बढ़कर 2.37 प्रतिशत पर पहुंच गई. हालांकि, इस दौरान खाद्य वस्तुओं की कीमतों में मामूली गिरावट आई. बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 1,048.90 अंक नुकसान में रहा था जबकि एनएसई निफ्टी 345.55 अंक टूटा था.