Special Dividend क्या होता है, कंपनी के कौन-से निवेशक उठा सकते हैं इसका फायदा, यहां जानें डीटेल
Special Dividend: कंपनी की ओर से तिमाही नतीजों के दौरान निवेशकों के लिए डिविडेंड का ऐलान किया जाता है. ऐसा नहीं है कि सभी कंपनी डिविडेंड देती हैं लेकिन जो कंपनियां देती हैं वो अलग-अलग तरह से डिविडेंड देती है.
Special Dividend: शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियां हर तिमाही अपने नतीजे पेश करती है. इन तिमाही नतीजों के दौरान कंपनी अपने बिजनेस एक्सपेंशन और कॉरपोरेट एक्शन को लेकर जानकारी देती है. बता दें कि मौजूदा समय में तिमाही नतीजों का सीजन चल रहा है और इस दौरान बाजार में लिस्टेड कंपनियां अपनी दूसरी तिमाही के नतीजे पेश कर रही हैं. हालांकि कुछ कंपनियां नतीजों के साथ-साथ कंपनियां कई बार निवेशकों को खुश करने के लिए डिविडेंड का भी ऐलान करती हैं. एक वित्त वर्ष में कंपनी कई तरह से अपने निवेशकों को डिविडेंड देती है. इसमें डिविडेंड, अंतरिम डिविडेंड, फाइनल डिविडेंड और स्पेशल डिविडेंड शामिल होते हैं. कंपनी डिविडेंड अपने प्रॉफिट में से देती है. डिविडेंड को हिंदी मे लाभांश कहते हैं और लाभ के अंश के तौर पर ही इसे दिया जाता है. यहां जानते हैं कि कंपनी स्पेशल डिविडेंड कब और किन निवेशकों को देती है.
स्पेशल डिविडेंड क्या होता है?
डिविडेंड और स्पेशल डिविडेंड के बीच एक बस यही फर्क है कि स्पेशल डिविडेंड के जरिए निवेशकों को कंपनी की ओर से ज्यादा अमाउंट दी जाती है. स्पेशल डिविडेंड एक नॉन-रिकरिंग पेमेंट है, जो कि रेगुलर डिविडेंड की तरह हर तिमाही नहीं दिए जाते हैं. बता दें कि स्पेशल डिविडेंड हमेशा लिक्विड फॉर्म में दिया जाता है.
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बता दें कि स्पेशल डिविडेंड कंपनी की ओर से एक ही बार दिया जाता है. स्पेशल डिविडेंड अलग इवेंट्स जैसे असाधारण मुनाफा, एसेट सेल और दूसरी तरह के विंडफॉल इवेंट के दौरान दिए जाते हैं. हाल ही में आईटी सेक्टर की दमदार कंपनी टेक महिंद्रा ने अपने निवेशकों के लिए 360 फीसदी के स्पेशल डिविडेंड का ऐलान किया था.
डिविडेंड के दौरान ये तारीख होती हैं अहम
डिविडेंड के दौरान निवेशकों को कई सारी डेट्स का ध्यान रखना पड़ता है. इसमें डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट, रिकॉर्ड डेट, एक्स डिविडेंड डेट, डिविडेंड पेआउट डेट जैसे तारीखें शामिल होती हैं. सबसे पहले डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट होती है और इस दिन कंपनी के बोर्ड की ओर से डिविडेंड का ऐलान होता है. इसके बाद रिकॉर्ड डेट अहम होती है. रिकॉर्ड डेट का मतलब ये है कि इस तक कंपनी के पास रिकॉर्ड होता है कि किन निवेशकों के पास कंपनी के शेयर हैं.
एक्स डिविडेंड और डिविडेंड पेआउट डेट
इसके अलावा एक्स डिविडेंड डेट भी काफी अहम है. ये डेट बताती है कि इस दिन से पहले निवेशकों के डीमैट अकाउंट में कंपनी के शेयर होने चाहिए. वहीं डिविडेंड पेआउट डेट वो होती है, जिस दिन डिविडेंड का भुगतान किया जाता है.