वेदांता ने गुजरात सरकार के साथ साइन किया MoU, कमजोर बाजार में भी शेयर 8 फीसदी भागा
वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी इस प्लांट में 1.54 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगे. ज्वॉइंट वेंचर में वेदांता की 60 फीसदी और फॉक्सकॉन की 40 फीसदी हिस्सेदारी है.
कमजोर ग्लोबल संकेतों के चलते बुधवार को शेयर बाजार की कमजोर शुरुआत हुई. हालांकि, बैंकिंग शेयरों में खरीदारी के चलते पहले हाफ के अंत तक शानदार रिकवरी देखने को मिल रही है. उतार-चढ़ाव भरे बाजार में वेदांता का शेयर फोसक में है. शेयर में करीब 6 फीसदी की मजबूत तेजी देखने को मिल रही है. दरअसल कंपनी ने Foxconn के साथ मिलकर गुजरात में भारत की पहली सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने जा रही है.
मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में होगा 1.54 लाख करोड़ का निवेश
वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी इस प्लांट में 1.54 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगे. ज्वॉइंट वेंचर में वेदांता की 60 फीसदी और फॉक्सकॉन की 40 फीसदी हिस्सेदारी है. गुजरात के अहमदाबाद जिले में बनने वाला यह सेमीकंडक्टर प्लांट करीब हजार एकड़ के एरिया में बनेगा. गुजरात सरकार के साथ MoU करने के बाद मंगलवार को वेदांता के चेयरमैन अनिल अघ्रवाल ने कहा कि अगले 2 साल में प्लांट में उत्पादन शुरू हो जाएगा.
'इकोनॉमी के मिलेगा बढ़ावा'
इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पर कहा कि यह MoU भारत की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग महत्वाकांक्षाओं को गति देने वाला एक अहम कदम है. 1.54 लाख करोड़ रुपए का निवेश इकोनॉमी और नौकरियों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर पैदा करेगा. साथ ही एंसिलरीज इंडस्ट्रीज के लिए भी एक बड़ा इकोसिस्टम बनाएगा और हमारे MSMEs की मदद करेगा
नए प्लांट में तीन यूनिट होंगे
इस प्लांट में ग्रुप सेमीकंडक्टर फेब्रिकेशन यूनिट, डिसप्ले फेब्रिकेशन यूनिट और सेमीकंडक्टर असेम्बलिंग एंड टेस्टिंग यूनिट तैयार किए जाएंगे। सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फेब्रिकेशन यूनिट 28nm टेक्नोलॉजी नोड्स पर काम करेगी। वहीं डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्मॉल, मिडियम और लार्ज एप्लिकेशंस के लिए जनरेशन 8 डिस्प्ले बनाएगी। गुजरात में इस बड़े निवेश से राज्य में करीब एक लाख रोजगार पैदा होंगे.बता दें कि सेमीकंडक्टर चिप या माइक्रो चिप का इस्तेमाल कार, मोबाइल फोन, ATM कार्ड समेत कई अन्य डिजिटल प्रोडक्ट्स में होता है. इससे सेमीकंडक्टर को लेकर ताइवान और चीन पर निर्भरता कम होगी.