Zomato में गिरावट आने पर क्या करें निवेशक? मार्केट गुरु अनिल सिंघवी से जानिए
मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि Zomato में अगर निवेशित हैं तो लंबी अवधि के लिए टिके रहें. जब तक दीपेंद्र गोयल कंपनी के साथ हैं, तब तक कंपनी पर भरोसा है. अगले 4-6 महीनों में इस शेयर की चाल में बदलाव दिखाई देगा.
Zomato के मैनेजमेंट में बीते कुछ महीनों से काफी हलचल है. टॉप मैनेजमेंट से इस्तीफे की लिस्ट लंबी होती जा रही है. इस लिस्ट में ताजा नाम गुंजन पाटीदार का है. वे कंपनी के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर और को-फाउंडर (CTO and Co-Founder) थे. गुंजन पाटीदार के इस्तीफे के बाद आज इस शेयर पर दबाव है. जोमैटो के शेयर में 3 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है और यह अभी 58 रुपए के स्तर पर है. निवेशकों को इस आईपीओ से काफी उम्मीदें थी, लेकिन यह अपने लाइफ टाइम हाई से यह 65 फीसदी नीचे है. यहां तक कि आईपीओ इश्यू प्राइस के मुकाबले भी यह 21 फीसदी नीचे है. आइए मार्केट गुरु अनिल सिंघवी से जानिए कि अब निवेशकों को क्या करना चाहिए.
मैनेजमेंट ग्रोथ को लेकर पॉजिटिव
अनिल सिंघवी ने कहा कि Zomato को लेकर दो तरह की धारणाएं हैं. एक तबका का मानना है कि बीते कुछ महीने में टॉप मैनेजमेंट के लोगों ने जो इस्तीफा दिया है, उसके पीछे कई कारण हैं. कंपनी में नए निवेशक आए हैं. पुराने निवेशक अपना हिस्सा बेचकर जा चुके हैं. नया मैनेजमेंट दीपेंद्र गोयल के नेतृत्व में कंपनी को आगे बढ़ाना चाहती है और वह ग्रोथ को लेकर काफी सकारात्मक भी है.
जब तक दीपेंद्र गोयल हैं, टिके रहें
मार्केट गुरु ने कहा कि मैनेजमेंट के लोगों के आने-जाने से जोमैटो को लेकर नजरिए में ज्यादा बदलाव नहीं है. अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं तो शांत रहिए. अगर इन खबरों के दम पर स्टॉक्स में करेक्शन आता है तो निवेशकों के लिए यह खरीदारी का मौका होगा. जोमैटो के साथ तब तक बने रह सकते हैं, जब तक दीपेंद्र गोयल कंपनी के साथ जुड़े हैं. अगर वे कंपनी छोड़कर चले जाते हैं तो हालात बिगड़ जाएंगे. कुल मिलाकर अगले 3-6 महीने में कंपनी में होने वाले बदलाव का असर दिखेगा. हर गिरावट पर खरीदारी की राय होगी.
चार महीने में 5 टॉप अधिकारियों का इस्तीफा
Zomato में जारी हलचल को लेकर जी बिजनेस के ऐनालिस्ट अरमान नाहर की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले नवंबर 2022 में कंपनी के तीन टॉप मैनेजमेंट के लोगों ने इस्तीफा दिया था. इसमें को-फाउंडर मोहित गुप्ता, ग्लोबल ग्रोथ के वाइस प्रेसिडेंट सिद्धार्थ झवर और न्यू इनिशिएटिव के प्रमुख राहुल गंजू का भी इस्तीफा हुआ था. उससे पहले सितंबर महीने में डिफ्टी CFO नितिन सावरा ने इस्तीफा दिया था. कुल मिलाकर बीते चार महीने में 5 टॉप लेवल के अधिकारियों ने कंपनी से इस्तीफा दिया है. जब इस कंपनी का आईपीओ आया था तो उसके दो महीने बाद ही को-फाउंडर गौरव गुप्ता ने कंपनी का साथ छोड़ दिया था.
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