Small Cap, Mid cap शेयरों में रुकेगी तेजी, क्या प्रॉफिट बुकिंग का है समय? जान लें मार्केट गुरु Anil Singhvi की सलाह
Small cap, Mid cap Stocks: अब निवेशकों को स्मॉल कैप, मिडकैप शेयरों में किस तरह की स्ट्रैटजी अपनानी चाहिए. क्या यह आंशिक रूप से मुनाफा निकालने का सही समय है. साथ ही ट्रेड की क्वांटिटी छोटी करना क्यों जरूरी? जानते हैं जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी की राय.
Small cap, Mid cap Stocks: शेयर बाजार में बीते 5-6 महीने से लगातार स्मॉल कैप और मिड कैप शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी गई. इस दौरान बाजार में उठापटक के बावजूद स्मॉल कैप, मिडकैप इंडेक्स ने रिकॉर्ड बनाया. हालांकि, अब इन शेयरों में तेजी थमती नजर आ रही है. निवेशक प्रॉफिट बुकिंग कर रहे हैं. ऐसे में अब निवेशकों को स्मॉल कैप, मिडकैप शेयरों में किस तरह की स्ट्रैटजी अपनानी चाहिए. क्या यह आंशिक रूप से मुनाफा निकालने का सही समय है. साथ ही ट्रेड की क्वांटिटी छोटी करना क्यों जरूरी है? जानते हैं जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी की राय.
Small Cap, Mid cap: क्यों थम रही तेजी
मार्केट गुरु अनिल सिंघवी का कहना है, बाजार के मौजूदा सेंटीमेंट्स में मिडकैप, स्मॉल कैप में थोड़ा रिएक्शन आएगा. इसलिए नहीं आएगा कि मिडकैप स्मॉलकैप शेयरों में फ्लो नहीं है. पैसा है लेकिन अगर आपको आज के मुकाबले कल सस्ता मिलेगा, तो आज क्यों खरीदेंगे. दूसरी बात यह कि आमतौर पर लार्ज कैप ही बाजार का मूड तय करते हैं. तीसरी बात यह कि अप्रैल से लेकर सितंबर तक लगातार 6 महीने आपने स्मॉल कैप, मिड कैप शेयरों में तेजी देखी. अब ये लाइफ लॉन्ग तो होने वाला नहीं हैं. ऐसे में थोड़ी-बहुत प्रॉफिट बुकिंग तो आएगी. ऐसे सब ऐसे कारण है, जिसके चलते हल्का-फुल्का रुकना स्वाभाविक है.
Small Cap, Mid cap: आगे क्या करना चाहिए
अनिल सिंघवी का कहना है, अगर आपके पास कुछ ऐसे मिडकैप, स्मॉल कैप हैं, जहां बहुत अच्छा प्रॉफिट है, तो वहां पार्ट प्रॉफिट बुक कर बैठ जाएं, ताकि आप अपनी कॉस्ट कम कर लें. और थोड़ा सेफ हो जाएं. या आपको लगता है कि आपने कोई शेयर जरूरत से ज्यादा खरीद रखा है, तो ट्रेड की क्वांटिटी छोटी करनी चाहिए. क्योंकि, एक या दो दिन आपको बड़ा गैपडाउन मिल गया, जो आपके लिए पोजिशन संभालना मुश्किल हो जाएगा. इसका मतलब कि, लीवरेज और बड़ी पोजिशन में दिक्कत है. अगर छोटी पोजिशन है, तो आप आसानी से संभाल लेंगे. इस पीरियड में भी करेक्शन के बाद तेजी आनी है.
मार्केट गुरु का कहना है, ऑप्शन राइटर्स को भी सावधान रहना होगा. वॉलेटिलिटी बढ़ने के संकेत आ रहे हैं. दोनों तरफ से है. दो-तीन दिन गैपडाउन पर खुल सकता है या दो-तीन दिन बड़ा खुल सकता है. ऐसे में सलाह यह है कि ऑप्शन की राइटिंग में इंट्रा डे करें. सुबह करें दोपहर तक खत्म करें. आखिरी में यह कि अगर पर नियर द मनी या एट द मनी ऑप्शन बेच रहे हैं, तो रिस्क ज्यादा है. आउट ऑफ द मनी थोड़ी कम है. ऐसे में इस तरह के बाजार में ऑप्शन राइटर्स के लिए थोड़ी समस्या बढ़ सकती है. इसलिए थोड़ी सावधानी रखें.