Stock Buyback: क्या आपके पास हैं इस कंपनी के शेयर? बोर्ड ने दी बायबैक को मंजूरी, चेक करें भाव
Stock Buyback: शेयर बाजार में लिस्टेड एक कंपनी ने स्टॉक बायबैक का ऐलान किया है. इस दौरान कंपनी के निवेशकों से कंपनी के शेयर वापस खरीदे जाएंगे. यहां जानिए कंपनी ने किस भाव पर बायबैक निकाला है.
Stock Buyback: शेयर बाजार में कमाई के कई मौके और तरीके हैं. शेयर बाजार (Share Market) में पैसा लगाकर भी तो कमाई होती ही है लेकिन इसके अलावा कंपनी कई बार कई कॉरपोरेट एक्शन करती हैं, जिससे निवेशकों की एक्स्ट्रा कमाई होती है. इन तरीकों में स्टॉक बायबैक, बोनस शेयर, स्टॉक स्प्लिट भी शामिल है. शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी टिप्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Tips Industries Ltd) ने निवेशकों से अपने शेयरों को दोबारा खरीदने का ऐलान किया है. कंपनी के बोर्ड ने बायबैक को मंजूरी दी है और इस दौरान कंपनी एक लाख से ज्यादा शेयरों का बायबैक करेगी. बायबैक यानी कि निवेशकों से अपने शेयरों को खरीदेगी.
बोर्ड से मिली बायबैक को मंजूरी
बीएसई फाइलिंग (BSE Fling) के तहत कंपनी ने मार्केट रेगुलेटर को इस बात की जानकारी दी है. कंपनी ने फाइलिंग में बताया कि बोर्ड से बायबैक की मंजूरी मिल गई है. कंपनी 2600 रुपए प्रति इक्विटी शेयर के भाव पर बायबैक (Buyback) करेगी. कंपनी की ओर से 0.97 फीसदी इक्विटी शेयर यानी कि 1.26 लाख शेयरों के बायबैक को मंजूरी मिल गई है.
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टेंडर रूट के जरिए होगा बायबैक
बता दें कि कंपनी के बोर्ड ने बायबैक को तो मंजूरी दे दी है लेकिन ये बायबैक टेंडर के जरिए होगा. बता दें कि बायबैक कि प्रक्रिया दो तरीकों से होती है. पहला - टेंडर रूट और दूसरा - ओपन मार्केट. कंपनी अपने शेयरों को खरीदने के लिए टेंडर निकालती है और शेयर बायबैक के लिए एक कीमत तय करती है. ये कीमत फिक्स होती है और बाजार की वॉलैटेलिटी का इस पर कोई असर नहीं पड़ता
ओपन मार्केट और टेंडर ऑफर के बीच अंतर
ओपन मार्केट के तहत कंपनी सेकेंडरी मार्केट के जरिए अपने शेयर खरीदती है. खुद कंपनी के ब्रोकर ही ये शेयर ट्रांजैक्शन करते हैं. टेंडर ऑफर के मुकाबले ओपन मार्केट के जरिए शेयर बायबैक करने में ज्यादा समय लगता है, लेकिन ओपन मार्केट ये जरूरी नहीं कि कंपनी बायबैक के लिए एक प्राइस तय करे. ये डील ओपन मार्केट के जरिए हो रही है तो ब्रोकर कंपनी के शेयर नॉर्मल तरीके से एक्सचेंज से खरीदते हैं. ओपन मार्केट के जरिए कंपनी बाजार में जो शेयर का भाव चल रहा है, उसके आधार पर ही खरीदारी करती है.
टेंडर ऑफर और ओपन मार्केट प्रोसेस के बीच जो सबसे बड़ा अंतर है वो ये कि कंपनी टेंडर ऑफर के समय अपना बायबैक कैंसिल नहीं कर सकती है. जितनी ड्यूरेशन के लिए बायबैक निकाला होगा, कंपनी को उतनी ड्यूरेशन में शेयर खरीदने होंगे लेकिन ओपन मार्केट में कंपनी अपना बायबैक कैंसिल कर सकती है.