Nivesh ki Gandhigiri: दुनियाभर में 2 अक्‍टूबर गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के रूप में मनाया जाता है. दुनिया को सत्‍य और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्‍मा गांधी के विचार और उपदेश आज भी प्रासंगिक, उपयोगी और पालन करने योग्‍य हैं. गांधीजी की सीख न केवल आम जीवन के लिए उपयोगी है, बल्कि निवेश को लेकर भी हम उनके विचारों से काफी कुछ सीख सकते हैं. गांधीजी के आदर्शों में निवेश का फंडा छिपा है. गांधीगीरी से पोर्टफोलियो मजबूत बनाना सीख सकते हैं. इसके साथ ही यह भी समझ सकते हैं कि बाजार में क्‍या नहीं करना चाहिए. Zee Business के खास शो 'निवेश की गांधीगीरी' में हमने महात्‍मा गांधी के चुनिंदा उपदेश लिए हैं. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर एवं मार्केट गुरु अनिल सिंघवी (Anil Singhvi ) ने बाजार के संदर्भ में उन उपदेशों का मतलब आसान शब्‍दों में समझाया है. 

आपका भविष्‍य इस बात पर निर्भर करेगा कि आज आप क्‍या कर रहे हैं

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इसका मतलब भविष्‍य में पैसे तभी बनेंगे, जब आप निवेश शुरू करते हैं. निवेश का मतलब कि जितना जल्‍दी शुरुआत करते हैं, करनी चाहिए. निवेश सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्‍कि अगली जेनरेशन के लिए करें. 

भीड़ का हिस्‍सा बनना तो आसान है लेकिन उससे अलग होकर क्‍या कर सकते हैं, ये मायने रखता है 

ये सीख ट्रेडिंग के लिए है. आमतौर पर क्राउडेड ट्रेड में पैसा नहीं बनता है. ट्रेडिंग में जिस पर सब बुलिश हो, उसमें पैसा आसानी से नहीं मुश्किल से बनेगा. वहीं, निवेश करना बोरिंग काम है, थका हुआ काम है, उसमें मजा नहीं आता. पैसा उन शेयरों नहीं बनता, जो पॉपुलर हैं. पैसा उन शेयरों में बनता है, जो पॉपुलर नहीं हैं.

दुनिया बदलने मत निकलो, खुद को बदलो 

बाजार के लिए सब बोलते हैं कि बाजार खराब है. ये कोई नहीं बोलता कि मेरा फैसला खराब है. बाजार को जिधर जाना है, वो उधर ही जाएगा. बाजार खराब होना कुछ नहीं होता. हमारा डिसिजन और डायरेक्‍शन खराब होता है. जैसेकि अगर बाजार खराब है और बेचने का फैसला लिया, तो बाजार कैसे खराब हुआ, मेरा फैसला खराब हुआ. इसलिए कभी भी बाजार को बदलने की कोशिश मत करो. खुद को बदलो. अपने स्‍ट्रैटेजी बाजार के हिसाब से बदलो. बाजार में ट्रेंड को बनाओ अपना फ्रेंड. ये बात ट्रेडर्स पर लागू होता है. सबसे बड़ी बात गलत फैसला हो जाए तो कान पकड़ो, गलती मानो और स्‍टॉपलॉस लगाओ. 

किताबी ज्ञान काफी नहीं है, व्‍यावहारिक ज्ञान होना जरूरी है 

बाजार में यही लागू होता है. इसलिए हर तरह का एनॉलसिस काम का है. एनॉलसिस कोई भी हो फंडामेंटल, टेक्निकल या डेरिवेटिव काम जरूर आता है. कहने का मतलब कि बोलने या कहने से लर्निंग नहीं आती है. यह आती है करने से. इसका मतलब कि बाजार में सीखेंगे तभी जब पैसा लगाएंगे. मार्केट में गलती होती है, लेकिन गलती दोहराओ नहीं. हर बार नई गलती करो. इसमें यह भी ध्‍यान रखनी चाहिए कि कोई भी गलती इतनी बड़ी न करें कि दूसरी गलती करने के लायक न रहें.  

ताकतवर वो है, जो मुश्किल परिस्थितियों में हार नहीं मानता और लड़ता है. 

बाजार के संदर्भ में देखें, तो तेजी में सब खरीदार है. गिरावट में कोई नहीं. निफ्टी 20,000 पर है, तो सब खरीदार हैं. 15,500 पर किसी को नहीं खरीदना है. सबसे बढ़िया निवेश सबसे खराब बाजार में ही होते हैं. शेयर खरीदने के बाद आमतौर पर भाव गिरता ही है. अगर भाव घट जाए तो धैर्य बनाकर डटे रहें. वही मजबूत निवेशक है. यानी, आपको खराब समय में पैसा लगाना है और अच्‍छा समय आने तक इंतजार करना है. 

डर आपका दुश्‍मन है

बाजार लालच और डर पर ही चलता है. लालच में नुकसान कम होता है, डर में ज्‍यादा होता है. लालच में क्‍या होगा, आप ऊपर में खरीद लोगे लेकिन नुकसान कब होगा जब नीचे में बेचोगो. यानी, थोड़ा भाव नीचे देखकर ब्‍लड प्रेशर बढ़ जाए मजा नहीं है. इसका मतलब कि आपको अपने ब्‍लड प्रेशर और अपने डर को कंट्रोल में रखना है. क्‍योंकि डर के आगे जीत है. 

धैर्य नहीं है तो हार निश्चित

जो निवेशक उतावले, अधीर हैं, वो बाजार में पैसा गंवाएंगे ही. चाहें वो निवेशक हो या ट्रेडर. अनुशासन और धैर्य नहीं है तो आपका पैसा जाना ही जाना है. आजकल ट्रेडर, निवेशकों का ट्रेंड है. खरीदो, भाव नीचे देखो, इंतजार करो फिर भाव ऊपर आने पर निकल जाओ. ये बाजार से कमाने का नहीं तरीका है. मोटा पैसा तभी बनेगा, तब शेयर अच्‍छी मात्रा में खरीदें और लंबे समय तक बने रहे. तब जाकर वेल्‍थ बनेगी. 

मन लगाकर काम करो

बाजार में हमेशा से यह ध्‍यान रखना चाहिए. खासकर यह लाइन ट्रेडर्स पर लागू होती है. ट्रेडिंग फुल टाइम जॉब है. यह पार्ट टाइम नहीं है. ट्रेडिंग करनी है, तो ढंग से करें. अंदाज से नहीं चार्ट और F&O डाटा सीख कर करो. भाव और डाटा सिर्फ देखो-पढ़ो मत फील करो.

जरूरतें पूरी हो सकती है लेकिन लालच की भरपाई नहीं हो सकती

लालच का अंत नहीं है. बाजार के लिहाज से समझें तो सबको तुरंत पैसा चाहिए. 21 दिन में पैसा डबल. ये नहीं होगा और किसी भी मार्केट में नहीं होगा. एकाध बार ऐसा हुआ तो हमेशा यह नहीं होगा. अनाप-शनाप कमाई की उम्‍मीद न करें. लंबे समय में औसत कमाई होगी. जितना ज्‍यादा लालच, उतना ज्‍यादा रिस्‍क है. 

जीवन के लिए गांधीजी की सीख 

हेल्‍थ आपकी रीयल वेल्‍थ है. न कि सोना, चांदी के टुकड़े 

इसका सीधा और सरल मतलब समझें- हेल्‍थ का ध्‍यान रखें, वेल्‍थ तो बन ही जाएगी.