Gold Price Outlook 2025: सुरक्षित निवेश के रूप में सोने का भाव नए साल में भी रिकॉर्ड तोड़ता रहेगा और यह 85,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है. जियोपॉलिटिकल तनाव तथा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच घरेलू बाजार में यह 90,000 रुपए के स्तर तक भी जा सकता है. मौद्रिक नीति में नरम रुख तथा केंद्रीय बैंकों की खरीद से भी इसके भाव बढ़ेंगे. हालांकि जियोपॉलिटिकल क्राइसिस कम होने पर रुपए में गिरावट थमेगी जिससे सोने की कीमत में भी नरमी आ सकती है. 

82400 रुपए तक पहुंचा था गोल्ड का भाव

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वर्तमान में स्पॉट मार्केट में सोने का भाव 79,350 रुपए प्रति 10 ग्राम और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर वायदा कारोबार में 76,600 रुपए प्रति 10 ग्राम पर चल रहा है. सोने की कीमत इस साल 30 अक्टूबर को 82,400 रुपए प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी. चांदी भी पीछे नहीं रही और यह एक लाख रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर गई. 

गोल्ड ने 2790 डॉलर का हाई बनाया था

वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स सोना वायदा ने वर्ष की शुरुआत करीब 2,062 डॉलर प्रति औंस पर की और 31 अक्टूबर को 2,790 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि जियोपॉलिटिकल तनाव, केंद्रीय बैंक की खरीद और प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कमी की ओर रुख करने से 2025 में भी सोने की कीमत रिकॉर्ड बनाती रहेगी. 

2025 में गोल्ड का आउटलुक पॉजिटिव

एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष अनुसंधान विश्लेषक (जिसं एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि 2025 में सोने का परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है, हालांकि 2024 की तुलना में वृद्धि की गति धीमी हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू स्तर पर सोने की कीमतें 85,000 रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि सर्वोत्तम स्थिति में यह 90,000 रुपए तक पहुंच सकती है. यदि जियोपॉलिटिकल तनाव जारी रहता है या बढ़ता है तो चांदी की कीमतें मामूली बढ़त के साथ 1.1 लाख रुपए तक या यह 1.25 लाख रुपए तक भी पहुंच सकती हैं.’’ 

रेट कट होने से गोल्ड की कीमत को सपोर्ट मिलेगा

त्रिवेदी ने कहा कि ब्याज दर चक्र भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कम ब्याज दरों की ओर वैश्विक बदलाव से बाजारों में नगदी आएगी और अमेरिकी डॉलर कमजोर होगा, जिससे सोने की कीमतों को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, कॉमट्रेंड्ज रिसर्च के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा कि सोने की कीमतें गति बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ बाजार प्रतिभागी अब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्कों को लेकर उठाए जाने वाले कदमों, आर्थिक नीतियों तथा मुद्रास्फीति को दो फीसदी तक लाने के फेडरल के आदेश पर उनके संभावित प्रभाव को ध्यान में रख रहे हैं...’’ 

पहली छमाही में कीमत पर थोड़ा दबाव रह सकता है

उन्होंने कहा कि 2025 की पहली छमाही में सोने के लिए मंदी का पूर्वानुमान है, तथा इसके 2,455 अमेरिकी डॉलर (MCX: 73,000-73,500) तक पहुंचने के आसार हैं. मेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटीज के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘ 2024 में सोने के आभूषणों की खपत में 17 फीसदी की वृद्धि होगी, जो मुख्य रूप से सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के साथ-साथ त्योहारी तथा शादी-विवाह से संबंधित मांग के कारण होगी. इसके अलावा जुलाई 2024 के केंद्रीय बजट में आयात शुल्क में 900 bpsर अंकों की तीव्र कटौती की घोषणा से आभूषण, बार और सिक्कों की मांग में तेजी आई है.’’