बाजार खुलते ही AMCs Stocks में क्यों आया तगड़ा उछाल? Nippon Life, HDFC AMC में 11% से ज्यादा की तेजी
AMCs Stocks: शुक्रवार के कारोबारी सेशन में Nippon Life India AMC का शेयर 15 फीसदी से ज्यादा उछल गया. HDFC AMC में भी 11 फीसदी से ज्यादा का उछाल है. म्यूचुअल फंड कंपनियों के शेयरों में इस तेजी के पीछे क्या बड़ी वजह है.
AMCs Stocks: शेयर बाजार में शुक्रवार (30 जून) को जबरदस्त तेजी है. इस तेजी में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) के स्टॉक्स में तगड़ा उछाल देखने को मिल रहा है. कारोबारी सेशन में Nippon Life India AMC का शेयर 15 फीसदी से ज्यादा उछल गया. HDFC AMC में भी 11 फीसदी से ज्यादा की तेजी है. म्यूचुअल फंड कंपनियों के शेयरों में इस तेजी के पीछे क्या बड़ी वजह है? दरअसल, मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की हाल की बैठक में TER (टोटल एक्सपेंश रेश्यो) पर राहत आई है. TER पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.
सेबी की तरफ से बीते 18 मई को TER पर एक कंसल्टेंशन पेपर आया है. मार्केट रेगुलेटर की ओर से कंसल्टेशन पेपर Mutual Fund की फीस पर कैपिंग लगाने के लिए जारी किया गया था. इसके बाद 19 मई को AMCs के शेयरों में तेज गिरावट आई थी. मार्केट रेगुलेटर सेबी की हाल में हुई बोर्ड मीटिंग में म्यूचुअल फंड TER को लेकर चर्चा हुई. जिसमें यह बात सामने आई कि अब इस पर नए सिरे से डिस्कशन पेपर आएगा. रेगुलेटर को उम्मीद है कि नया पेपर इंडस्ट्री को पसंद आएगा. कुछ दिनों में ही नया डिस्कशन पेपर आएगा, जोकि नए डेटा के आधार पर ही नया पेपर बनाया गया है.
किस AMCs में कितनी गिरावट
AMC | शेयर में तेजी |
HDFC AMC | 11% |
ABSL AMC | 4% |
Nippon Life India AMC | 15% |
UTI AMC | 8% |
(सोर्स: NSE, भाव दोपहर 12:10 बजे तक)
कंसल्टेशन पेपर में क्या थे प्रस्ताव
सेबी का म्यूचुअल फंड के टोटल एक्सपेंस रेश्यो में ब्रोकरेज, GST और दूसरे खर्चों का शामिल करने का प्रस्ताव था. जिन स्कीम में एग्जिट लोड का Provision है, उन पर लगने वाले 5 bps की चार्ज को हटाया जाए. स्कीम पर लगने वाले एग्जिट लोड को NAV के 5% से कम करके 2% करने का प्रस्ताव था. स्कीम की परफॉरमेंस पर TER लगना चाहिए. नियमों में बदलाव के चलते TER में 3 से 40 BPS (बेसिस प्वाइंट) की कमी आने का अनुमान था.
SEBI के इस प्रस्ताव से AMC के मुनाफे पर 13 फीसदी का असर होने का अनुमान था. सीधे तौर पर समझें, अभी तक टोटल एक्सपेंश रेश्यो स्कीम बेस्ड होता है, लेकिन कंसल्टेशन पेपर में कहा किया कि अब TER को फंड के आधार पर किया जाएगा, जिसे पूरे फंड के उपरी लेवल पर लगाया जाना था. यह म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए निगेटिव सेंटीमेंट था.
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