Stock Markets: घरेलू शेयर बाजारों में लगातार गिरावट जारी है. गुरुवार को बाजार दो महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गए थे. ऐसे में ये चिंताएं उठ रही हैं कि बाजार आखिर इतना क्यों गिर रहे हैं और आगे का आउटलुक कैसा दिख रहा है. अब चूंकि ग्लोबल बाजारों खासकर अमेरिका में अच्छी तेजी दिखाई दे रही है, ऐसे में ये सवाल भी है कि घरेलू बाजार रिकवर क्यों नहीं कर पा रहे हैं. मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि इस बार बाजार की गिरावट को लेकर एक बात खास है कि ये अपने कमजोर फंडामेंटल्स की वजह से गिर रहे हैं. ऊपर से रिजल्ट सीजन से भी बाजार को निराशा ही मिल रही है.

अमेरिका में क्यों बन रहे हैं High पर High?

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अमेरिका में तेजी के पीछे मजबूत इकोनॉमिक संकेत हैं. इकोनॉमी के सभी आंकड़े बेहद मजबूत दिखाई दे रहे हैं. रिटेल सेल्स के आंकड़े उम्मीद से बेहतर हैं. वीकली बेरोजगारी आंकड़े उम्मीद से बेहतर आए हैं. मैन्युफक्चरिंग PMI डाटा भी मजबूत रही है. कल बाजार बंद होने के बाद आए Netflix के अच्छे नतीजों से नैस्डैक फ्यूचर्स में अच्छी तेजी देखने को मिली.

इस गिरावट में क्या है खास?

घरेलू बाजारों में इस गिरावट में खास ये है कि बाजार पहली बार फंडामेंटल वजह से गिरे हैं. कमजोर नतीजों ने बाजार का मूड बिगाड़ा है. कंपनियों में ग्रोथ को लेकर कॉन्फिडेंस कम दिखाई दे रहा है. वही, स्टॉक्स पर PE मल्टीपल कम होने का डर भी सता रहा है.

क्यों बेच रहे हैं FIIs?

FIIs जमकर बेच रहे हैं. ये किसी भी महीने में अबतक सबसे ज्यादा बिकवाली देखी जा रही है. इसके पीछे कई वजह हैं. पहला तो रिजल्ट सीजन से निराशा मिल रही है. ऊपर से भारतीय शेयर बाजार में वैल्युएशन महंगे हैं. तो Hot Money वाले FIIs निकल रहे हैं. फिलहाल उन्हें भारत के मुकाबले चीन के बाजार पसंद आ रहे हैं.

Traders, Investors क्या करें?

ट्रेडर्स-इन्वेस्टर्स को फिलहाल थोड़ा Wait & Watch के मोड में रहने की जरूरत है. निफ्टी पर अगला बड़ा सपोर्ट 24400-24500 रेंज में मिलेगा. बैंक निफ्टी पर अगला बड़ा सपोर्ट 50200-50500 रेंज में मिलेगा. इन्वेस्टर्स नए निवेश से पहले रिजल्ट सीजन आगे बढ़ने दें, फिर ही बाजार में पैसा डालें. साथ इन्वेस्टर्स FIIs की बिकवाली पर भी नजर रखें. ट्रेडर्स निफ्टी 24900-25000, बैंक निफ्टी में 51700-51900 की रेंज में पोजीशन हल्की करें.

Hyundai IPO का जिक्र करना भी जरूरी है. इसे रिटेल निवेशकों से बेहद ढीला रिस्पॉन्स मिला है. ये बड़े IPOs में एकमात्र ऐसा IPO है, जिसमें रिटेल हिस्सा पूरा भरा ही नहीं.