अक्सर निवेश की जब भी बात आती है तो ज्यादातर लोग म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को और शेयर बाजार (Share market) को एक ही मानते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में काफी फर्क है. इन्वेस्टर कई बार इन दोनों ऑप्शन के बीच में कन्फ्यूज हो जाते हैं और निवेश का सही फैसला नहीं ले पाते. आइए यहां हम मार्केट एक्सपर्ट अमित कुकरेजा से जानते हैं कि इन दोनों में क्या अंतर है और कहां निवेश करना बेहतर होगा.     

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आसान भाषा में समझें स्टैंडर्ड डेविएशन

स्टैंडर्ड डेविएशन एक स्टैस्टिकल मेजरमेंट है

निवेश की वोलैटिलिटी बताने में होता है कारगर

जितना ज्यादा स्टैंडर्ड डेविएशन, कीमत में उतना ज्यादा फर्क

वोलटाइल स्टॉक में ज्यादा स्टैंडर्ड डेविएशन होगा

स्थिर ब्लूचिप स्टॉक का डेविएशन आम तौर पर कम

TIP OF THE DAY

म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत डेट फंड से करें

डेट फंड या बैलेंस्ड फंड निवेश की शुरुआत के लिए बेहतर

NAV और इंडेक्स के बीच संबंध समझें

3 से 5 साल के लिए निवेश के बाद इक्विटी में एक्सपोजर बढ़ाएं

जोखिम क्षमता के मुताबिक निवेश करें, सावधानी से फंड का चुनाव करें

शेयर बाजार Vs म्यूचुअल फंड

शेयर बाजार में निवेश के लिए जानकारी जरूरी

म्यूचुअल फंड में आपका पैसा कोई और करता है मैनेज

शेयर्स के पोर्टफोलियो को मैनेज करने में वक्त ज्यादा लगेगा

म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को मैनेज करना है आसान

बाजार में सीधे निवेश नहीं करना चाहते तो म्यूचुअल फंड बेहतर

फंड मैनेजर निवेश करने में करते हैं मदद

फंड मैनेजर निवेशक का पैसा लगाता है सही जगह

फंड में निवेश से फंड मैनेजर के अनुभव का फायदा होगा

म्यूचुअल फंड निवेश में टैक्स सेविंग का विकल्प मौजूद

शेयर बाजार                   Vs        म्यूचुअल फंड

नए निवेशकों के लिए नहीं               नए निवेशकों के लिए बेहतर

खुद निवेश करना होता है               फंड मैनेजर करते हैं फंड मैनेज

अधिक जोखिम होता है                 कम होता है जोखिम

टैक्स सेविंग का विकल्प नहीं   टैक्स सेंविंग का विकल्प

प्लानिंग के साथ करें निवेश

किसी विकल्प में अचानक दांव लगाने से फायदा नहीं

सैलरी का कम से कम 10% निवेश करने की सोचें

मासिक खर्च से पहले निवेश की रकम अलग करें

लक्ष्य तय करें: शॉर्ट टर्म, मिडियम टर्म, लॉन्ग टर्म

घर, गाड़ी खरीदना शॉर्ट टर्म लक्ष्य हो सकते हैं

लॉन्ग टर्म लक्ष्य- बच्चों की पढ़ाई, शादी, रिटायरमेंट

प्राथमिकता के आधार पर सभी लक्ष्य तय करें

मनी मैनेजमेंट और फंड मैनेजर

म्यूचुअल फंड में फंड मैनेजर आपके पैसे का रखते हैं ध्यान

शेयर बाजार में निवेश आपको खुद करना होता है मैनेज  

शेयर बाजार में निवेश अगर है PMS के जरिये  

PMS के जरिये निवेश में PMS मैनेजर रखते हैं  ध्यान  

PMS: Portfolio Management Services

क्या रिसर्च जरूरी है?

आपका निवेश म्यूचुअल फंड में हो चाहे शेयर बाजार में

दोनों में रिसर्च करने के बाद ही निवेश करना बेहतर  

कुछ लोग कयासों के आधार के पर निवेश करते हैं

कुछ इनसाइडर टिप्स के आधार पर निवेश करते हैं

ट्रेडिंग तकनीक, टेक्निकल एनालिसिस के सहारे निवेश

शेयर चुनने के लिए फंडामेंटर एनालिसिस बेहतर होता है

जोखिम कहां है कम?

म्यूचअल फंड और शेयर बाजार, दोनों में ही जोखिम  

शेयर बाजार में सीधे निवेश करने में ज्यादा जोखिम

सीधे निवेश में विविधता का फायदा नहीं मिल पाता

म्यूचु्अल फंड में विविधता का फायदा मिलता है

बाजार म्यूचुअल फंड के मुकाबले ज्यादा रिटर्न देने में सक्षम

सही रिसर्च और जानकारी के बाद निवेश किया तो फायदेमंद  

नए निवेशक क्या करें?

शेयर बाजार की जगह म्यूचुअल फंड बेहतर

एकमुश्त के बजाय SIP के जरिये निवेश करें

पहली बार निवेश के लिए बैलेंस्ड फंड चुनना बेहतर

बैलेंस्ड फंड 65-70% हिस्सा डालते हैं इक्विटी में

कैसे करें निवेश?

निवेश से पहले जानकारी जरूरी

निवेश से पहले अवधि तय करें

निवेश से पहले लक्ष्य निर्धारित करें

रकम के आधार पर फंड का चुनाव करें

कैसे चुने फंड?

अवधि                                  कैटेगरी

5 साल से ज्यादा               लार्ज कैप/लार्ज-मिड कैप

5 साल से कम                          बैलेंस्ड फंड

1 से 3 साल                            डेट फंड

म्यूचुअल फंड कैसे चुनें?

आप चुन सकते हैं स्टार रेटेड म्यूचुअल फंड स्कीम

रेटिंग ऑनलाइन चेक की जा सकती है

फाइनेंशियल एडवाइजर भी कर सकते हैं नियुक्त

एडवाइजर सही फंड चुनने में मदद करेगा.