Stock Market Outlook: शेयर बाजार में इन दिनों जोरदार एक्शन देखने को मिल रहा है. मिडिल ईस्ट में तनाव, हाई इनफ्लेशनल रेट चलते से टेंशन है, तो दूसरी ओर फेस्टिव सीजन और नतीजों के चलते घरेलू सपोर्ट है. हलचल वाले बाजार में 23 अक्टूबर को लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई. गिरावट में स्मॉलकैप और मिडकैप सेक्टर फोकस में है. सोमवार को NSE पर 2.5 से 3.5% तक गिरावट दर्ज की गई. ऐसे में निवेशकों को शेयर बाजार में कहां नजर रखनी चाहिए? कौन से ट्रिगर्स बाजार के लिए काफी अहम है? 

क्यों टूट रहा घरेलू शेयर बाजार?

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भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई. इसमें निफ्टी करीब 1 फीसदी की गिरावट के साथ 3 महीने के सबसे निचले स्तर पर फिसल गया. मेटल, PSU बैंक और रियल्टी इंडेक्स 2-3% तक फिसले. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इजरायल-हमास के बीच जंग, ब्याज दरों पर US FED का रुख बड़े ट्रिगर रहे. इसके अलावा सितंबर तिमाही में कंपनियों का मिलाजुला प्रदर्शन भी अहम संकेत हैं. 

4 दिन की गिरावट में भारी नुकसान

शेयर बाजार में 23 अक्टूबर को लगातार चौथे दिन बिकवाली दर्ज की गई. BSE सेंसेक्स 64600 के अहम लेवल के नीचे बंद हुआ. निफ्टी भी 19300 के नीचे फिसलकर बंद हुआ. बाजार में लगातार गिरावट में निवेशकों को लगभग 12 लाख करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ. क्योंकि BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 311.30 लाख करोड़ रुपए हो गया, जोकि 17 अक्टूबर को बाजार बंद होने के बाद 323.87 लाख करोड़ रुपए था.  

निवेशकों के लिए क्या है राय?

सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रह सकता है. इसकी वजह ग्लोबल अनिश्चितता है. वहीं, नतीजों के चलते स्टॉक एक्शन भी जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि निवेशकों का फोकस अब लॉर्जकैप सेक्टर के शेयरों पर रहना चाहिए. जहां वैल्युएशंस तुलनात्मक रूप से ठीकठाक नजर आ रहे हैं. 

 

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