कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते ग्लोबल बाजारों (Global Markets) में बड़ी उथल-पुथल देखने को मिली है. भारतीय शेयर बाजारों की भी सोमवार को बड़ी गिरावट के साथ शुरुआत हुई है. लेकिन, पिछले हफ्ते जिस तरह बाजारों में तेजी थी, उस वक्त भी ज़ी बिज़नेस (Zee Business) ने कहा था कि ग्लोबल बाजारों के हिसाब से ही ट्रेड करना है. पिछले हफ्ते तक अमेरिका में कोरोना के आंकड़े लगातार बढ़ते दिख रहे थे. भारत में भी आंकड़े लगातार बढ़े. इकोनॉमी में ग्रोथ का कोई आसार नहीं है. लॉकडाउन बढ़ने की पूरी संभावना थी. पैकेज नहीं आ रहा था उसके बावजूद पिछले हफ्ते बाजारों में अच्छी तेजी देखने को मिली. इसके पीछे सिर्फ एक ही कारण है अमेरिका के बाजार. 

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ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी का मानना है कि ग्लोबल बाजार कमजोर होते दिखाई दे रहे हैं. मई के महीने में एक बार फिर बाजारों में कमजोरी का रुझान रहेगा. अप्रैल की शानदार सीरीज के बाद मई में ऊपरी स्तरों पर प्रॉफिट बुकिंग, दबाव, बिकवाली देखने को मिल सकती है. निवेशकों को जब-जब मौका मिले, तब-तब प्रॉफिट बुकिंग करनी चाहिए. मई में बाजार गिरने की पीछे क्या वजह रह सकती है. 

मई में क्यों गिरेगा बाजार?

1. चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर

अमेरिका और चीन (America-China)के बीच टैरिफ वॉर फिर से छिड़ सकता है. हालांकि, अभी डोनाल्ड ट्रंप का पहला स्टेटमेंट है. लेकिन, थोड़े दिन देखिए कि वो क्या कड़ा स्टैंड लेते हैं. अनिल सिंघवी ने कहा कि हम पहले कह चुके हैं कि जब भी कोरोना वायरस से दुनिया संभल जाएगी. मिलकर चीन के खिलाफ बड़ा एक्शन हो सकता है. 2020 की मंदी का यह सबसे बड़ा कारण होगा. लेकिन, उम्मीद से पहले ही ट्रंप चीन के खिलाफ जुबानी हमला किया है. ये बड़ी चिंता की बात है. अगर चीन की तरफ से कोई जवाबी एक्शन होता है तो मामला और सीरियस हो सकता है.

2. टैरिफ वॉर से मेटल, ऑटो पर बनेगा दबाव

टैरिफ वॉर छिड़ने से सबसे ज्यादा असर मेटल और ऑटो सेक्टर पर होगा. दोनों सेक्टर के शेयर दबाव में दिखेंगे. मेटल्स कमजोर होंगे. ऑटो स्टॉक्स कमजोर होंगे.

3. कच्चा तेल और गिरेगा

ग्लोबल बाजारों के लिए बड़ी चिंता कच्चा तेल भी है. क्योंकि, कच्चे तेल के और कमजोर होने के आसार हैं. कच्चा तेल अब संभलेगा नहीं. दो बड़े देशों के बीच टैरिफ वॉर वाला मामला है. ग्लोबल कंजम्पशन कमजोर है तो कच्चा तेल और कमजोर होगा. कच्चे तेल का कमजोर होना कई इकोनॉमी को कमजोर करेगा.

4. वॉरेन बफे बड़ी गिरावट के इंतजार में

अनिल सिंघवी का कहना है कि वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे की AGM में जो खुलासा हुआ है वो चिंता बढ़ाने वाला है. दरअसल, वॉरेन बफे ने पिछले एक-डेढ़ साल से 130 बिलियन डॉलर पैसा बचाकर रखा है. वॉरेन बफे का कहना था कि वो सही वक्त पर पैसा मार्केट में डालेंगे. लेकिन, वॉरेन बफे ने AGM में खुलासा किया कि उन्होंने अब तक एक भी पैसा मार्केट में नहीं लगाया है. वहीं, 5-6 बिलियन डॉलर की एविएशन स्टॉक्स में सेलिंग की है. अनिल सिंघवी ने कहा कि यह चौंकाने वाला है. क्योंकि, अगर दुनिया के अब तक के सबसे बेहतरीन और बड़े निवेशक इतनी गिरावट के बाद भी पैसा नहीं लगा रहे हैं तो यह चिंता की बात है. इसका मतलब वॉरेन बफे वो देख रहे हैं, जो बाकी निवेशक या हम नहीं देख पा रहे हैं. 

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5. कोरोना का डर बरकरार

अमेरिका में एक बार फिर कोरोना वायरस से आंकड़े बढ़ रहे हैं. संकेत अच्छे नहीं हैं. मरने वालों की तादाद बढ़ रही है. तो बाजारों पर नजर बनाए रखने के साथ इन 5 कारणों पर नजर रखनी चाहिए. 

6. लॉकडाउन 3.0 लागू, बड़े शहर खुलने में वक्त लगेगा.

7. आर्थिक राहत पैकेज में देरी.

8. HUL के नतीजों में मंदी के संकेत.

9. रिलायंस का राइट्स इश्यू आकर्षक नहीं.

10. अप्रैल में 30% बढ़ने के बाद बाजार महंगा.