Stock Market Outlook 2024: शेयर बाजार के लिहाज से मौजूदा साल 2023 शानदार रहा. सेंसेक्स, निफ्टी समेत सभी प्रमुख इंडेक्स ने ऑल टाइम हाई बनाया. घरेलू बाजार के साथ ग्लोबल मार्केट में भी जबरदस्त तेजी है. इस दौरान निवेशकों को भी तगड़ा मुनाफा हुआ. अब आगे क्या? नया साल शुरू होने में चंद दिन रह गए हैं. ऐसे में बाजार की चाल 2024 में कैसी रह सकती है? किन फैक्टर्स और ट्रिगर्स पर फोकस रखें? इन सभी सवालों के जवाब के लिए ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने दिग्गज निवेशक और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के ग्रुप चेयरमैन और को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल से खास बातचीत की.

2024 में कैसा रहेगा शेयर बाजार?

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रामदेव अग्रवाल ने कहा कि इस साल जो तेजी रही वैसी तेजी 2024 में तो नहीं देखने को मिलेगी. लेकिन नए साल में बाजार 10-15 फीसदी तक चढ़ सकता है. कॉरपोरेट अर्निग्स में 15-20% तक की ग्रोथ देखने को मिल सकती है. उन्होंने कहा कि बाजार को लेकर जितनी उम्मीदें कम रखेंगे उतनी ज्यादा खुशी होगी. 2023 में बाजार में करीब 20 फीसदी की जबरदस्त तेजी दिखाई, जिसमें निवेशकों को तगड़ा मुनाफा हुआ. लेकिन अब मार्केट रिलैक्स कर सकता है. 

2023 का सबसे बड़ा सबक

रामदेव अग्रवाल ने कहा कि ग्लोबल मैक्रो इवेंट्स पर पैनी नजर रखने का कोई खास फायदा नहीं. क्योंकि इस साल बाजार ने 2 वॉर देखा. बावजूद इसके मार्केट में धूमधाम से दिवाली मनाई गई. इसलिए फोकस अपने देश, कंपनी या फिर इंडस्ट्री में क्या हो रहा इस पर रखें. यानी अपनी कॉरपोरेट अर्निंग और लिक्विडिटी फ्लो पर नजर रखें. उन्होंने कहा कि 2020 से अबतक की अवधि रिटेल रिवॉल्युशन का रहा, जिसने जियो-पॉलिटिकल पावर के ठीक उलट एक्शन दिखाया. इसके चलते लिक्विडिटी पर पॉजिटिव असर पड़ा, जोकि लॉन्ग टर्म है. क्योंकि लिक्विडिटी इनफ्लो 10 गुना बड़ा रहा.

मार्केट में तेजी के अहम ट्रिगर्स

लिक्विडिटी और रिटेल इनवेस्टर्स के अलावा नए साल के लिए कॉरपोरेट अर्निंग बड़ा ट्रिगर होगा. रामदेव अग्रवाल ने कहा कि पिछले साल जो कॉरपोरेट अर्निंग 800-810 था, वो अब 990-1000 के बीच हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मोतीलाल ओसवाल के रिसर्च डिपार्टमेंट का अनुमान 995 का है, जोकि हर तिमाही में अपग्रेड भी हो रहा है. उन्होंने कहा कि बाजार में सुनामी आने वाली है. बड़ी संख्या में नई कंपनियां लिस्ट होंगी. हालांकि, इसमें निवेशकों को अच्छे स्टॉक पिक करने के लिए सतर्कता दिखानी होगी. बाजार में लिस्टेड कंपनियां बढ़ेंगी तो वैल्युएशन भी सुधरेंगे.

नए साल में मार्केट रिस्क

रामदेव अग्रवाल ने कहा कि मार्केट के लिए ग्लोबल ट्रिगर्स का ज्यादा टेंशन नहीं. बाजार के लिए सबसे बड़ा निगेटिव इम्पैक्ट पॉलिटिकल हो सकता है, जिसमें अगले साल होने वाला लोकसभा चुनाव के नतीजे शामिल हैं. अगर नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे तब दिक्कत होगी. या फिर क्रूड के भाव या महंगाई कंट्रोल के बाहर हो जाए. इकोनॉमी ओवररेटेड हो और कॉरपोरेट अर्निंग गिर जाए, तब बाजार में तेज बिकवाली देखने को मिल सकती है. FIIs और प्रोमोटर्स ऊपरी स्तर से बिकवाली कर सकते हैं.