भारतीय शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह घरेलू फैक्टर और विदेशी बाजार से मिलने वाले संकेतों से तय होगी जिनमें देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार की तरफ से की गई नई घोषणाओं और बीते सप्ताह जारी प्रमुख आर्थिक आंकड़ों के साथ-साथ मॉनसून की प्रगति की अहम भूमिका रहेगी. इसके अलावा, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश रुझान से बाजार को दिशा मिलेगी.

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यात को प्रोत्साहन देने और हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने के लिए शनिवार को फिर कई उपायों की घोषणा की जिससे घरेलू शेयर बाजार में सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकता है. वहीं, बीते सप्ताह जारी आईआईपी के आंकड़े पॉजिटिव रहने से भी निवेशकों का मनोबल ऊंचा हो सकता है.

अगले सप्ताह के शुरू में सोमवार को थोक महंगाई के आंकड़े जारी होंगे. साथ ही, बीते महीने अगस्त में देश का व्यापार संतुलन कैसा रहा, यह भी सोमवार को ही जारी होने वाले आंकड़ों से जानने को मिलेगा. मॉनसून की प्रगति पॉजिटिव रही है और बीते सप्ताह 11 सितंबर तक देश में सीजन के दौरान औसत से तीन फीसदी अधिक बारिश हुई है जोकि बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत है. वहीं, डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा रुपये की चाल से भी बाजार को दिशा मिल सकती है.

हालांकि घरेलू शेयर बाजार की चाल तय करने में विदेशी बाजार से मिलने वाले संकेतों की अहम भूमिका होगी जिसमें इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के भाव पर विशेष निगाह होगी. साथ ही, अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव दूर करने की दिशा में होने वाली प्रगति का भी बाजार पर असर दिखेगा.

सप्ताह के दौरान अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व बुधवार को ब्याज दर पर अपने फैसले की घोषणा करेगी, जिसका इंतजार दुनियाभर के बाजार को रहेगा. इसके अगले दिन गुरुवार को बैंक ऑफ जापान भी ब्याज दर पर अपने फैसले का ऐलान करेगा.