जब किसी कंपनी मालिक को लगता है कि उसकी कंपनी तरक्‍की कर रही है और उसे अब कारोबार का और विस्‍तार करना चाहिए, तो इसके लिए कंपनी को फंड की जरूरत होती है. इस फंड को पब्लिक से जुटाने के लिए कंपनी IPO लेकर आती है. ऐसे में जो लोग कंपनी के आईपीओ में पैसा निवेश करते हैं, उन्‍हें कंपनी की कुछ प्रतिशत हिस्‍सेदारी मिल जाती है. आईपीओ के बाद कंपनी लिस्‍ट हो जाती है. उसके बाद कंपनी के शेयर कोई भी खरीद या बेच सकता है. इसके अलावा भी आईपीओ लाने के कई फायदे कंपनी को मिलते हैं. जानते हैं उनके बारे में.

कर्ज नहीं लेना पड़ता

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कंपनी चाहे तो कारोबार को बढ़ाने के लिए बैंक से भी लोन ले सकती है, लेकिन बैंक का लोन उसे ब्‍याज के साथ चुकाना पड़ता है और आईपीओ के जरिए पैसा इकट्ठा करने पर उसे किसी को ये पैसा लौटाने की जरूरत नहीं होती. इस तरह कंपनी कर्ज के जोखिम से बच जाती है.

कर्ज का बोझ उतारने के लिए

कई बार कंपनी पर कर्ज ज्‍यादा हो जाता है, तब भी वो आईपीओ लेकर आती है. ऐसे में कंपनी कुछ शेयर बेचकर पब्लिक से फंड इकट्ठा करती है. इससे कर्ज का भुगतान भी हो जाता है और कंपनी को नए इन्‍वेस्‍टर के जरिए कारोबार को बेहतर करने का मौका मिल जाता है. 

प्रोडक्‍ट के प्रमोशन के लिए

कई बार कंपनी आईपीओ किसी प्रोडक्‍ट के प्रमोशन के तौर पर लेकर आती है. जब कंपनी कोई प्रोडक्‍ट या कोई सर्विस लॉन्‍च करती है और उसका आईपीओ लेकर आती है, तो उसकी हिस्‍सेदारी लेने के लिए लोग निवेश करते हैं. ऐसे में कंपनी का नाम बढ़ता है और कंपनी के पास उस प्रोडक्‍ट को और बेहतर तरीके से बढ़ाने के लिए फंड भी मिल जाता है.

आईपीओ से निवेशकों का फायदा

आईपीओ में इन्‍वेस्ट करके आप शेयर मार्केट में अपनी बेहतर उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा आईपीओ के जरिए कोई भी कंपनी 5 या फिर 7 शेयर नहीं देती. इसमें लॉट ऑफर किए जाते हैं. कंपनी की ओर से ऑफर किए गए लॉट में 1 से लेकर कितने भी शेयर हो सकते हैं. ऐसे में जो भी इनवेस्टर आईपीओ में इन्‍वेस्ट करते हैं उन्हें कम कीमत में कंपनी में कुछ प्रतिशत की हिस्सेदारी मिल जाती है. इससे कंपनी को फायदा होगा तो आपके शेयरहोल्डिंग के फायदे में भी इजाफा होगा. हालांकि कंपनी के घाटे में जाने पर आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसलिए दूर की सोच रखने वाली और अच्‍छी मैनेजमेंट वाली कंपनियों में इन्‍वेस्‍ट करें. ज्यादा छोटी कंपनी में इन्‍वेस्ट न करें.

आईपीओ में कैसे करें निवेश

आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है. डीमैट अकाउंट आप किसी भी ब्रोकिंग फर्म से खोल सकते हैं. आईपीओ जारी करने वाली कंपनी अपने आईपीओ को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है. उतने दिनों के अंदर ही निवेशक कंपनी की साइट पर जाकर या ब्रोकरेज फर्म की मदद से आईपीओ में इन्‍वेस्‍ट कर सकते हैं.