Share market outlook: इस महीने विदेशी निवेशक खरीद रहे हैं और देशी निवेशक बेच रहे हैं, 21 सितंबर के इस फैसले पर सबकी नजर
Share market outlook: इस सप्ताह 21 सितंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से इंट्रेस्ट रेट का ऐलान किया जाएगा. बाजार की नजर इसपर टिकी है. IMF और वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि मंदी का खतरा बढ़ रहा है.
Share market outlook: बीते सप्ताह सेंसेक्स में 952 अंकों की गिरावट (1.59 फीसदी) दर्ज की गई और यह 58840 के स्तर पर बंद हुआ. निफ्टी 302 अंक (1.69 फीसदी) फिसल कर 17530 के स्तर पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान पिछले सप्ताह सेंसेक्स ने 60670 का स्तर और निफ्टी ने 18096 का स्तर छुआ था. दूसरी तरफ बैंकिंग इंडेक्स में लगातार चार सप्ताह से तेजी देखी जा रही है. बीते सप्ताह बैंक निफ्टी 0.89 फीसदी की तेजी के साथ 40776 के स्तर पर बंद हुआ.
21 सितंबर को फेडरल रिजर्व का आएगा फैसला
बाजार के जानकारों का मानना है कि इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से तय होगी. 20 और 21 सितंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी FOMC की बैठक होगी. उम्मीद की जा रही है कि फेडरल रिजर्व फिर से इंट्रेस्ट रेट में 75 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी करेगा. इसके अलावा विदेशी निवेशकों का एक्शन और क्रूड ऑयल के रुझान का भी बाजार पर असर होगा.
डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स बिकवाली कर रहे हैं
IIFL Securities के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि सितंबर के महीने में अब तक फॉरन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने 1915 करोड़ की खरीदारी की है. वहीं डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने अब तक 3006 करोड़ की बिकवाली की है. बीते सप्ताह आखिरी तीन कारोबारी सत्रों में जो गिरावट दर्ज की गई उसका प्रमुख कारण DII की बिकवाली थी.
इंट्रेस्ट रेट में अग्रेसिव बढ़ोतरी से मंदी का खतरा
अनुज गुप्ता ने कहा कि जिस तरह इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी की जा रही है वह आर्थिक मंदी ला सकती है. वर्ल्ड बैंक ने साफ-साफ कहा है कि दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों की तरफ से उठाए जा रहे कदमों से साल 2023 में आर्थिक मंदी आ सकती है. IMF ने भी कहा है कि दिसंबर तिमाही में आर्थिक सुधार की रफ्तार और घट सकती है. IMF ने कहा कि 2023 में दुनिया के कई देशों में मंदी की स्थिति होगी. ग्लोबल मंदी के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी.
मंदी की तमाम रिपोर्ट से बाजार का सेंटिमेंट कमजोर
एक्सपर्ट ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी का असर बाजार पर दिख रहा है. इधर ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने भी भारत के ग्रोथ के अनुमान 7.8 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ग्रोथ का अनुमान 7.4 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया गया है. हालांकि, कंज्यूमर स्पेंडिंग में आई तेजी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के बीच 35 फीसदी ज्यादा खर्च किया है. इसके अलावा टैक्स कलेक्शन में भी उछाल आया है. इससे बाजार के सेंटिमेंट पर सकारात्मक असर होगा.
बैंक निफ्टी 42 हजारी बन सकता
इस सप्ताह निफ्टी के लिए 17300-17000 के स्तर पर सपोर्ट है और तेजी की स्थिति में 17800-18100 पर अवरोध बना हुआ है. निफ्टी के लिए 18100 का स्तर मजबूत अवरोध है जिसे पार करने के बाद नया ट्रेंड दिख सकता है. अगर यह स्तर टूट जाता है तो निफ्टी 18500 फिर 19000 की तरफ रुख करेगा. बैंक निफ्टी बहुत जल्द 42 हजार का स्तर पार कर सकता है. सेंसेक्स के लिए 61 हजार के स्तर पर अवरोध बना है.
ग्लोबल मार्केट इस समय दबाव में
बाजार के मूवमेंट को लेकर स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ''अमेरिका में महंगाई के आंकड़े के बाद वैश्विक बाजार घबराए हुए दिख रहे हैं. इस वजह से डॉलर सूचकांक 110 के आसपास पहुंच गया है.'' कारोबारियों की नजर अब अमेरिकी संघीय मुक्त बाजार समिति (FOMC) की आगामी बैठक के नतीजे पर है. मीणा ने कहा कि बैंक ऑफ इंग्लैंड भी ब्याज दर पर फैसले की घोषणा करेगा. उन्होंने आगे कहा कि संस्थागत निवेशक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, क्योंकि विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी बाजार में विक्रेता बन गए हैं.