Vishwamitra International Infra की संपत्तियां इस तारीख को होगी नीलामी, निवेशकों के पैसे के लिए SEBI का एक्शन
Vishwamitra International Infra news: बाजार नियामक सेबी निवेशकों के धन की वसूली के लिए अगले महीने 2.8 करोड़ रुपये के रिजर्व प्राइस पर विश्वामित्र इंटरनेशनल इन्फ्रा की आठ संपत्तियों की नीलामी करेगा. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक नोटिस में कहा कि ये संपत्तियां पश्चिम बंगाल में स्थित खाली भूमि हैं.
Vishwamitra International Infra news: विश्वामित्र इंटरनेशनल इन्फ्रा के अगर आप भी निवेशक हैं तो आपके लिए यह राहत भरी खबर हो सकती है. मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) कंपनी की संपत्ति की नीलामी जनवरी 2022 में करने जा रही है, ताकि निवेशकों के पैसे की वसूली इन संपत्तियों की नीलामी कर जाए. पीटीआई की खबर के मुताबिक, बाजार नियामक सेबी निवेशकों के धन की वसूली के लिए अगले महीने 2.8 करोड़ रुपये के रिजर्व प्राइस पर विश्वामित्र इंटरनेशनल इन्फ्रा की आठ संपत्तियों की नीलामी करेगा.
कब और कितने बजे होगी नीलामी
खबर के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक नोटिस में कहा कि ये संपत्तियां पश्चिम बंगाल में स्थित खाली भूमि हैं. इन संपत्तियों की नीलामी के लिए निविदाएं आमंत्रित करते हुए सेबी ने कहा कि 27 जनवरी 2022 को दोपहर 11 बजे से एक बजे के बीच ऑनलाइन माध्यम से नीलामी होगी.
कंपनी ने तय मानदंडों का नहीं किया पालन
सेबी की ओर से 2016 में जारी आदेश के मुताबिक विश्वामित्र इंटरनेशनल ने 2012-13 में अपनी समूह कंपनी विश्वामित्र इंडिया टूर एंड होटल्स लिमिटेड को 41.61 करोड़ रुपये मूल्य के 41.5 लाख से अधिक गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) आवंटित किए थे. इस कंपनी ने सार्वजनिक निर्गम मानदंडों का पालन किए बगैर ये एनसीडी 83,109 निवेशकों को हस्तांतरित कर दिए थे. मार्च 2014 तक इन एनसीडी के जरिए विश्वामित्र इंटरनेशनल ने 107 करोड़ रुपये जुटा लिए थे.
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सेबी ने निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया था
निर्धारित नियमों का पालन नहीं किए जाने पर अगस्त 2016 में सेबी ने विश्वामित्र इंटरनेशनल (Vishwamitra International Infra) उसकी समूह कंपनी और पांच निदेशकों को तीन महीने के भीतर निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया था. इन कंपनियों और निदेशकों को चार साल के लिए प्रतिबंधित करने के अलावा, उन्हें 15 प्रतिशत की दर से सालाना ब्याज के साथ पैसा वापस करने के लिए कहा गया था. लेकिन ऐसा नहीं किए जाने पर बाजार नियामक ने इन कंपनियों और उनके निदेशकों के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू की. संपत्तियों की बिक्री इसी प्रक्रिया का हिस्सा है.