SEBI Circular on Stock Exchanges: शेयर बाजार में ट्रेडर्स और निवेशकों के हित में एक बड़ी खबर आई है. सोमवार को बाजार नियामक SEBI (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) ने शेयर बाजारों के कामकाज को लेकर SOP (standard operating procedure) जारी किया है. इसे सेबी का मास्टरस्ट्रोक कह सकते हैं. स्टॉक एक्सचेजेंज पर तकनीकी खामी को लेकर बहुत पहले से ऐसे नियमों की मांग हो रही थी. Zee Business ने काफी पहले यह मुद्दा उठाया था कि अगर एक्सचेंजों पर तकनीकी खामी आती है तो क्या किया जाए, इसपर स्पष्टता होनी चाहिए. मार्केट गुरु और Zee Business के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी बता रहे हैं कि क्यों ये गाइडलाइंस सेबी का मास्टरस्ट्रोक कहे जा सकते हैं. 

क्या हैं सेबी की नई गाइडलाइंस?

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पहले एक बार इसपर नजर डाल लेते हैं कि सेबी क्या नियम लेकर आई है. अब अगर बाजार में कोई टेक्निकल ग्लिच आता है तो शेयर बाजारों संबंधित पक्षों को मामला सामने आने के 15 मिनट के भीतर सूचना देने को कहा गया है. इसके साथ ही कारोबार प्रभावित होने के कुछ मामलों में समय डेढ़ घंटा बढ़ाने को भी कहा है. सेबी के SOP के तहत, किसी कारण से कारोबार ठप होने की स्थिति में संबंधित शेयर बाजार को इस बारे में बाजार प्रतिभागियों, कारोबारी सदस्यों तक एमआईआई समेत विभिन्न पक्षों को 15 मिनट के भीतर सूचना देनी होगी. सूचना के लिये ब्रॉडकास्टिंग मैसेज के साथ अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी देनी होगी. इसके अलावा, शेयर बाजार को अलग ई-मेल के जरिए सेबी को इसकी सूचना देनी होगी. साथ ही प्रभावित शेयर बाजार पहले मैसेज के बाद जब तक ग्लिच ठीक न हो जाए, तब तक हर 45 मिनट के अंतराल पर अपडेट देगा.

मार्केट क्लोजिंग का समय क्या होगा?

बाजार के घंटे कैसे गिने जाएंगे, इसपर सेबी ने कहा कि प्रभावित शेयर बाजार पर कामकाज सामान्य कारोबार बंद होने से कम-से-कम एक घंटे पहले सामान्य स्थिति में आ जाता है, उस दिन सभी शेयर बाजारों में कारोबारी घंटों में कोई बदलाव नहीं होगा. अग बाजार बंद होने से एक घंटे पहले कारोबार सामान्य नहीं होता है तो, सभी शेयर बाजारों के लिये कारोबारी घंटे स्वचालित रूप से अतिरिक्त डेढ़ घंटे के लिए बढ़ा दिये जाएंगे.

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SEBI का ये सर्कुलर क्यों है काबिल-ए-तारीफ?

अनिल सिंघवी ने कहा कि सेबी का जो सर्कुलर आया है, उसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है. ये सर्कुलर बहुत ही साफ-स्पष्ट शब्दों में अपनी बात कहता है. कहीं कोई संदेह नहीं है. टेक्नोलॉजी यूज करते हैं तो ये तो साफ है कि ग्लिच भी रहेगा, लेकिन ये तो पता हो कि ऐसा होता है तो आगे होगा क्या. ये साफ होना चाहिए कि जितना एक्सचेंज को पता है, उतना ही ब्रोकर को पता हो, उतना ही ट्रेडर का पता हो. इस दिशा में सेबी ने बढ़िया कदम उठाया है कि रेगुलर इंटरवल पर अपडेट देने को कहा है. 

वहीं, मार्केट क्लोजिंग पर उन्होंने कहा कि सेबी ने जो टाइमिंग तय की है, उससे ये तय हो गया है कि अगर सुबह में खामी आती है तो बाजार 3.30 तक ही बंद होगा. साथ ही दूसरे सिनेरियो में भी ब्रोकर्स के हित में नियम लाए गए हैं. 

उन्होंने कहा कि सेबी का जो कहना है कि अगर ऑनलाइन ब्रोकर पर कोई टेक्निकल ग्लिच आता है तो डायरेक्ट एक्सचेंज पर सौदा काटने के लिए डिस्क्रेशन पेपर फ्लोट किया है और एक्सचेंजेज़ और ब्रोकर्स को इसके लिए तैयारी करने को बोला है, वो मास्टरस्ट्रोक है. क्योंकि एक ब्रोकर, ट्रेडर के लिए सबसे बड़ी बात यही है कि उनका सौदा हो जाए. तो ये कह सकते हैं कि सेबी का ये कदम काबिले-तारीफ है.

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