SEBI Penalty on CG Power: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने CG Power and Industrial Solutions के 2 पूर्व ऑडिटर्स पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाने का ऐलान किया है. सेबी यानी कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशन्स के 2 पूर्व ऑडिटर्स पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है और सेबी का कहना है कि इन दोनों लोगों ने रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन किया था, जिसके बाद इन लोगों पर 10 लाख रुपए का जुर्माना ठोका है. SEBI ने चतुर्वेदी एंड शाह (CAS) और केके मनकेश्वर एंड कंपनी (KKM) पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. 

2016-18 के बहीखातों में की गड़बड़ी

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सेबी ने अपने आदेश में बताया कि CAS और KKM नियमों का उल्लंघन कर रहे थे और इन दोनों ने CG Power कंपनी के 2016-17 और 2017-18 के लिए फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में गड़बड़ी की है. सेबी ने अपने आदेश में कहा कि इन दोनों ऑडिटर्स ने कंपनी के हितधारकों के खिलाफ काम किया.

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सेबी ने अपने आदेश में कहा कि इन तथ्यों को वैधानिक लेखा परीक्षक के रूप में नोटिस प्राप्त करने वालों की ओर से केवल लापरवाही के रूप में नहीं माना जा सकता है. सेबी ने आगे कहा कि सीजी पावर के बहीखातों को सत्य और निष्पक्ष दिखाने के लिए इस तरह की सुविधा देने का कार्य जो वास्तविक तथ्यों के विपरीत है, प्रत्ययी भूमिका के खिलाफ है.

शेयरधारकों के लिए लिया गलत फैसला

SEBI ने आदेश में पाया कि ऑडिटर्स ने सीजी पावर को ऑडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी दी, जिससे कंपनी ने शेयरधारकों के लिए गलत फैसला लिया. इस तरह उनके काम और धोखाधड़ी, अनुचित और चालाकी भरे कार्यों में सहायता करने और उकसाने के बराबर हैं. 

सेबी ने बैठाई जांच और दिया आदेश

इस तरह का काम करने पर CAS और KKM पर PFUTP (Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices) के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा. ये आदेश तब आया, जब सेबी ने इस मामले में जांच बैठाई और जाना कि CAS वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सीजी पावर का ज्वाइंट स्टेच्युटरी ऑडिटर था.

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इसके बाद CAS ने अपने इस्तीफे के बाद, केकेएम को सीजी पावर के वैधानिक लेखा परीक्षक के रूप में नियुक्त किया, जिन्होंने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए फर्म का वैधानिक लेखापरीक्षा पूरा किया. बीते साल, अक्टूबर में सेबी ने सीजी पावर के पूर्व चेयरमैन गौतम थापर और दूसरे एंटिटी पर 5 साल तक का बैन लगा दिया था. फंड के डायवर्जन पर सेबी ने ये फैसला लिया था. 

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