SEBI NISM Research Conference: सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच का कहना है कि बॉन्ड इन्वेस्टमेंट को आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं. REIT, InvITs और म्युनिसिपल बॉन्ड्स का मार्केट बहुत बड़ा होने की संभावनाएं हैं. उन्‍होंने SEBI NISM रिसर्च कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि रियल एस्टेट और म्युनिसिपल सर्विसेज के फ्रैक्शनल ओनरशिप में बहुत मौके हैं. सेबी ने ऐसे निवेश प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए मिनिमम निवेश की साइज को घटाया है. विदेशी निवेशकों में InvITs को लेकर काफी उत्सुकता दिखी है. 

F&O में रिटेल की ज्‍यादा भागीदारी से चिंता का विषय: CEA

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इस कॉन्‍फ्रेंस में मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि हमारे वित्तीय संस्थान अपनी मुश्किलों से बाहर आ चुके हैं. इससे इकोनॉमी को ग्रोथ फेज में बहुत मदद मिलेगी. सप्लाई साइड की दिक्कतें धीरे धीरे कम हो रही हैं. हमारी आर्थिक विकास की गति बहुत अच्छी रहने वाली है. कैपिटल फॉर्मेशन और आर्थिक विकास सीधे तौर पर जुड़े हैं. कैपिटल फॉर्मेशन बनाए रखने के लिए निजी पूंजी जरूरी है. 

उन्‍होंने कहा कि कॉर्पोरेट्स को बैंकिंग लाइसेंस देने में हिचकिचाहट अच्छा संकेत नहीं है. लेकिन कॉरपोरेट्स को भी सोचना होगा कि आखिर कॉरपोरेट को बैंक लाइसेंस देने का इतना विरोध क्यों है. F&O सेगमेंट में छोटे निवेशकों की बहुत ज्यादा भागीदारी से चिंता का विषय है. लॉन्ग टर्म इक्विटी फॉर्मेशन की जरूरत है. लॉन्ग टर्म इक्विटी फॉर्मेशन केवल रेगुलेटर की नहीं बल्कि पूरे मार्केट की जिम्मदारी है.