SEBI Informants: अगर आपको जासूस बनने का शौक है और जासूसी का काम भी अच्छा आता है तो आपको इसके लिए इनाम मिल सकता है. एक रेगुलेटर को जासूस की जरूरत है. दरअसल, बाजार नियामक SEBI (Securities and Exchange Board of India) को जग्गा जासूस की तलाश है. एजेंसी "डिफाल्टर की संपत्ति बताओ ईनाम पाओ" अभियान के तहत ऐसे लोग ढूंढ रही है, जो उसके लिए यह काम कर सकें. दरअसल, डिफॉल्ट के ऐसे 569 मामले हैं, जिसमें रिकवरी नहीं हो पा रही है. डिफॉल्टर से रिकवरी की रकम 1939 करोड़ रुपये है. कठिन रिकवरी वाली कुल रकम 67,000 करोड़ रुपये के करीब है.

क्या है SEBI का प्लान?

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जिनका नाम बतौर डिफाल्टर सेबी की वेबसाइट पर मौजूद है, उनके खिलाफ सूचना निकालनी होगी. ऐसे मामलों के लिए इनाम रखा है, जो रिकवरी में बहुत मुश्किल साबित हो रहे हैं. जिनसे रिकवरी होनी है उनकी संपत्ति, पता वगैरह जानकारी निकालनी होगी. अगर सटीक जानकारी से रिकवरी हुई तो ही इनाम मिलेगा. इस काम के लिए सेबी से संपर्क करने वाले जासूस को अपना नाम, पता, PAN, सोर्स सब चीजों की जानकारी देनी होगी.

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इनाम कैसे मिलेगा?

अंतरिम और फाइनल दो चरणों में इनाम मिलेगा. सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा. उन्हें इनवेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड से ईनाम मिलेगा. अंतरिम इनाम जो होगा वो संपत्ति के रिजर्व प्राइस का 2.5% या 5 लाख में जो कम है वो मिलेगा. वहीं, अंतिम इनाम संपत्ति बिक्री से वसूली का 10% या 20 लाख में जो कम है, वो मिलेगा.

बता दें कि सेबी इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए भी इन्फॉर्मेंट की मदद लेता है. सेबी के Prohibition of Insider Trading Regulations, 2015 के तहत यह प्रावधान रखा गया है. 2021 में मार्केट वॉचडॉग ने इस विषय में और गंभीरता दिखाते हुए इन्फॉर्मेंट्स को देने वाले इनाम की रकम को बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया था.

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