मार्केट रेग्युलेटर SEBI बोर्ड की अहम बैठक 28 जून को हुई जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए. सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने बुधवार रात को कहा कि हम बहुत जल्द फाइनेंशियल Influencers के लिए डिस्कशन पेपर लेकर आएंगे. अगले दो महीनों में इसे सार्वजनिक टिप्पणी के लिए जारी कर दिया जाएगा. पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया मंचों पर वित्तीय मामलों में सलाह देने वाले जानकारों की भरमार हो गई है. इनमें से अधिकतर सेबी के पास वित्तीय सलाहकार के रूप में रजिस्टर्ड भी नहीं हैं. 

SEBI रजिस्टर्ड होना जरूरी

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यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों पर वित्तीय सलाह देने वाले लोगों को लेकर सेबी पहले भी लोगों को आगाह करता रहा है. इसके साथ ही उसने इन गैर-रजिस्टर्ड सलाहकारों के खिलाफ कदम उठाने का भी जिक्र किया था. सेबी प्रमुख ने कहा, "हमें इससे समस्या नहीं है कि कोई व्यक्ति निवेशकों को बाजार एवं निवेश के बारे में जागरूक करना चाहे. लेकिन अगर वे बिना किसी वजह के निवेश सलाह देते हैं और सेबी के पास रजिस्टर्ड भी नहीं हैं तो हमें इससे गंभीर समस्या है." 

टॉप-35 इंफ्लूएंसर को IT विभाग का नोटिस

उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब आयकर विभाग देश के शीर्ष 35 सोशल मीडिया ‘इंफ्लूएंसर’ को करोड़ों रुपये का कर भुगतान नहीं करने पर नोटिस भेज रहा है. पिछले हफ्ते केरल में 13 बड़े यूट्यूबर के ठिकानों पर तलाशी अभियान भी चलाया गया था. ऐसी चर्चा है कि कुछ ‘इंफ्लूएंसर’ सोशल मीडिया मंचों पर दर्शक संख्या के आधार पर कमीशन के रूप में मोटी राशि पाते हैं और वे अपने सुझाए गए स्टॉक में लेनदेन कर उससे भी कमाई करते हैं.

 

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