SEBI Guidelines for Investment and Trading: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के कर्मचारियों और म्यूचुअल फंड के ट्रस्टियों के लिए सिक्योरिटी में इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग के लिए नया फ्रेमवर्क पेश किया. यह फ्रेमवर्क किसी भी तरह के हितों के टकराव को रोकेगा और साथ कर्मचारियों को उनके पद के दुरुपयोग करने से प्रतिबंधित करेगा.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक सर्कुलर में सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने कहा कि उसने सेकेंडरी मार्केट के माध्यम से ट्रेड की गई सिक्योरिटी में 'एक्सेस पर्सन' द्वारा किए गए निवेश और कूलिंग ऑफ अवधि से संबंधित गाइडलाइंस में बदलाव किया है. 

Zee Business Hindi Live यहां देखें

 

इन नए नियमों के तहत एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) के कर्मचारी, बोर्ड मेंबर्स और ट्रस्टीज बोर्ड मेंबर्स, एक्सेस पर्सन किसी भी कंपनी या उसकी सिक्योरिटी या उसकी AMC स्कीम के बारे में किसी संवेदनशीन जानकारी का अनुचित लाभ नहीं उठा पाएंगे.

कौन हैं एक्सेस पर्सन

एक्सेस पर्सन में एएमसी हेड (सीईओ/मैनेजिंग डायरेक्टर/प्रेसीडेंट), एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स, चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर, चीफ रिस्क ऑफिसर, चीफ ऑपरेशन ऑफिसर, चीफ इंफॉरमेशन सिक्योरिटी ऑफिसर, फंड मैनेजर, डीलर, अनुसंधान विश्लेषक, फंड में सभी कर्मचारी संचालन विभाग, अनुपालन अधिकारी और सभी डिवीजन के हेड आदि शामिल होते हैं.

इसके अलावा किसी एएमसी या ट्रस्टी कंपनी के नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स, जिनके पास कंपनी से जुड़ी कोई ऐसी गैर-सार्वजनिक जानकारी है, जो सिक्योरिटी या स्कीम की नेट एसेट वैल्यू को प्रभावित कर सकते है, उसे भी एक्सेस पर्सन माना जाएगा.

1 दिसंबर से लागू होंगे नियम

यह नया फ्रेमवर्क 1 दिसंबर, 2021 स लागू होगा, हालांकि 30 कैलेंडर दिन के भीतर किसी भी सिक्योरिटी के खरीद और बिक्री के लाभ से बचने संबंधित फ्रेमवर्क गुरुवार से प्रभावी हो जाएंगे.

हालांकि ऐसे मामले जहां ऐसी ट्रेडिंग हो चुकी है, कर्मचारी अपने अनुपालन अधिकारी (Compliance Officer) को एक उपयुक्त स्पष्टीकरण प्रदान करेगा, जिसे संबंधित AMC बोर्ड और ट्रस्टी के सामने रिव्यू के दौरान पेश किया जाएगा.

क्या हैं नए नियम

सिक्योरिटी मार्केट के माध्यम से किए गए सिक्योरिटीज के इन्वेस्टमेंट के मामलों में, रेगुलेटर ने एक्सेस पर्सन के लिए कूलिंग ऑफ में 15 दिनों की ढील दी है. यह रिलेक्सेशन कुछ शर्तों के साथ दी गई है. इसके तहत यह छूट किसी संबंधित अनुपालन अधिकारी द्वारा एक फाइनेंशियल ईयर में दो बार से अधिक नहीं दी जाएगी. ऐसी छूट केवल एक वर्ष से कम अवधि के लिए बने एक्सेस पर्सन द्वारा रखे गए सिक्योरिटी की सेल के लिए लागू होगी.

SEBI के अनुसार एक्सेस पर्सन फाइनेंशियल ईयर के दौरान अनुपालन अधिकारी को इस तरह की छूट के लिए कभी आवेदन कर सकते हैं और अधिकारी इस तरह के एप्लिकेशन की प्राप्ति के पांच दिनों के भीतर इस पर फैसला करेगा. इसके अलावा मंजूरी मिलने के 10 कारोबारी दिनों के भीतर सिक्योरिटीज को बेच सकता है.

एक्सेस पर्सन को यह सुनिश्चित करना होगा कि एप्लिकेशन करने के समय से संबंधित सिक्योरिटी की सेल के समापन तक उसके पास कोई गैर-सार्वजनित जानकारी नहीं है, जो संबंधित सिक्योरिटी के कीमत को वास्तविक रूप से प्रभावित कर सकती है.

ओवरनाइट स्कीम में नहीं कर पाएंगे ट्रेडिंग

रेगुलेटर ने कहा कि AMC कर्मचारी, AMC बोर्ड के मेंबर्स और ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य, जिसमें एक्सेस करने वाले व्यक्ति भी शामिल हैं, अपने म्यूचुअल फंड की ओवरनाइट स्कीम सहित किसी भी योजना की खरीद या बिक्री नहीं कर सकते है,, जहां म्यूचुअल फंड के लिए उपलब्ध कोई भी जानकारी अभी तक कम्यूनिकेट नहीं की गई है