SEBI चेयरपर्सन ने Finfluencers को चेताया, इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स को दी सलाह- फैक्ट Vs फेक का ध्यान जरूर रखें
SEBI चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा कि इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स को फैक्ट Vs फेक का ध्यान रखना जरूरी है. सर्टिफिकेट को किराए पर देने का ट्रेंड चल रहा है. ऑथराइज्ड पर्सन और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) के दुरुपयोग की जानकारी मिल रही है.
मार्केट रेगुलेटर SEBI चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा कि निवेशकों से जुड़े संगठनों में सभी की भागीदारी होनी चाहिए. संगठनों से गुजारिश है कि वो हमेशा आंकड़ों के साथ ही बात रखें. एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट ARIA के कार्यक्रम में सेबी चेयरपर्सन ने कहा कि हमें लाखों इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स की जरूरत है. ये हमारी नाकामी रही है कि हम बड़े पैमाने पर इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स नहीं बना पाए. लेकिन इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स ऐसे नहीं चाहिए जो गड़बड़ी करते हों. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कि इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स और फिन फ्लूंसर्स (Finfluencers) सेबी को बेवकूफ न समझें. वो जो भी रिटर्न और दूसरे दावे करते हैं उसमें झूठ नहीं हो.
फैक्ट Vs फेक का ध्यान रखना जरूरी
SEBI चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा कि इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स को फैक्ट Vs फेक का ध्यान रखना जरूरी है. सर्टिफिकेट को किराए पर देने का ट्रेंड चल रहा है. ऑथराइज्ड पर्सन और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) के दुरुपयोग की जानकारी मिल रही है. एडवाइजरी के नाम पर PMS का खेल चल रहा है. डिस्ट्रीब्यूटर्स को म्यूचुअल फंड्स विज्ञापन देते हैं जो कमीशन है. कितने ग्राहक जोड़े हैं उसी के मुताबिक विज्ञापन दिया जाता है.
एक ही रेगुलेशन सभी पर ऊपर थोपना ठीक नहीं
उन्होंने कहा कि हम अलग अलग लोगों के लिए अलग अलग रेगुलेशन लाने को तैयार हैं. हम समझते हैं कि एक ही रेगुलेशन सब के ऊपर थोपना ठीक नहीं है. बड़ी चिंता है कि ज्यादातर इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स रजिस्टर्ड नहीं हैं. हम इंडस्ट्री से इस मामले में मदद चाहते हैं कि लोग रजिस्टर करें. हमें लाखों इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स की जरूरत है. ये हमारी नाकामी रही है कि हम बड़े पैमाने पर इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स नहीं बना पाए.