म्यूचुअल फंड में फ्रॉड से लेकर जल्दी लिस्टिंग तक, SEBI की बोर्ड बैठक में इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
SEBI Board Meeting: सूत्रों की माने तो FY24 के लिए रेगुलेटर सालाना फाइनेंशियल को मंजूरी देने के लिए बुलाई गई है लेकिन इसके अलावा दूसरे पेंडिंग मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है.
SEBI Board Meeting: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी (सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) की आज बोर्ड बैठक है. ये बीते दो महीने में सेबी की दूसरी बोर्ड मीटिंग है. पिछली बार सेबी ने 15 मार्च को बोर्ड बैठक की थी. सूत्रों की माने तो FY24 के लिए रेगुलेटर सालाना फाइनेंशियल को मंजूरी देने के लिए बुलाई गई है लेकिन इसके अलावा दूसरे पेंडिंग मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है. इसमें म्यूचुअल फंड में इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म समेत कई मुद्दे शामिल हैं. इसके अलावा इन्साइडर ट्रेडिंग और फ्रंट रनिंग जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है.
MFs में फ्रॉड को पकड़ना और रोकना
प्रस्तावित संस्थागत मैकेनिज्म के तहत म्यूचुअल फंड या एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को गलत काम करने वालों से निपटने के लिए एक डॉक्यूमेंटेड पॉलिसी बनानी होगी. हाल ही के साल में फ्रंट रनिंग के कई सारे मामले देखने के बाद रेगुलेटर चाहता है कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियों का आंतरिक नियंत्रण सख्त हो और अपने स्टाफ में उनकी निगरानी को भी बढ़ाएं.
रेगुलेटर ने रखा ये प्रस्ताव
प्रस्ताव के अनुसार अगर एएमसी की ओर से ढिलाई पाई जाती है तो उनके शीर्ष प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. बीते साल सामने आए पेपर के मुताबिक, रेगुलेटर ने फंड हाउस के लिए चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, मैनेजिंग डायरेक्टर, कंप्लायंस ऑफिसर और दूसरे शीर्ष शख्स को चुनने का प्रस्ताव रखा था, जो फ्रॉड पर अंकुश लगाने के लिए एक अच्छी तरह से डॉक्यूमेंटेड मैकेनिज्म का इस्तेमाल करे और उसे सुनिश्चित करे.
फ्रॉड में स्टाफ की ओर से भ्रष्टाचार और ब्रोकर और थर्ड पार्टी एजेंसी से कनेक्टेड लोग शामिल हैं. एएमसी को एक व्हिसिल ब्लोअर नीति भी बनानी होगी ताकि ऐसे भ्रष्टाचार की रिपोर्ट करने वाले व्हिसिल ब्लोअर सुरक्षित रहें.
NCS इश्यू में फास्ट ट्रेकिंग को आसान करना
इंस्टीट्यूशनल पार्टिसिपेशन को सुधार करने और लिस्टेड डेट कंपनियों के लिए ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार के लिए सेबी डेट इश्यू के लिए फास्ट ट्रैक के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है. निजी प्लेसमेंट के आधार पर अधिक गैर-संस्थागत भागीदारी को आकर्षित करने के लिए अंकित मूल्य को 1 लाख रुपये से घटाकर 10000 रुपये किया जा सकता है.
इससे कॉर्प डेट मार्केट को चौड़ा किया जाएगा. बोर्ड सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वित्तीय जानकारी के लिए क्यूआर कोड को शामिल करने, समाचार पत्रों में प्रकाशन से छूट, T+3 आधार पर तेजी से लिस्टिंग, फास्ट ट्रैक सार्वजनिक मुद्दों को न्यूनतम एक के लिए खुला रखने की अनुमति सहित ऐसे मुद्दों को तेजी से जारी करने में आसानी के लिए विनियमन में बदलाव कर सकता है.
इन मुद्दों के प्रस्ताव को भी मंजूरी संभव
डिपॉजिटरी की रिक्वेस्ट पर, सेबी जरूरी फिजिकल कंसोलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट को भेजने से छूट मिल सकती है. मौजूदा समय में ये स्टेटमेंट्स मेल पर भेजे जाते हैं. डिपॉजिटरी ने छूट से अनुरोध किया था ताकि वे लागत बचा सकें, लेकिन किसी निवेशक के मांगने पर उन्हें यह उपलब्ध कराना पड़ सकता है.
इसके अलावा इस बोर्ड बैठक में बोर्ड के फाइनेंशियल अकाउंट्स के मंजूरी, कुछ अन्य एमआईआई समिति से संबंधित मुद्दे और कुछ मामलों में REITs को समाचार पत्रों में प्रकाशन से छूट समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.