SEBI ने इस कंपनी को 6 महीने के लिए मार्केट से किया बैन, अब नहीं दे पाएगी निवेश की सलाह
SEBI Ban Future Plus Services: सेबी (SEBI) ने फ्यूचर प्लस सर्विसेज और इसके प्रॉपराइटर मनीष परिहार पर निवेश की सलाह देने से बैन लगा दिया है. कंपनी अब ये काम नहीं कर पाएगी.
SEBI Ban Future Plus Services: मार्केट रेगुलेटर सेबी (सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने फ्यूचर प्लस सर्विसेज और इसके प्रॉपराइटर्स को मार्केट में निवेश की सलाह देने पर 6 महीने का बैन लगा दिया है. अब ये कंपनी और इसके प्रॉपराइटर कस्टमर्स को निवेश की सलाह नहीं दे सकते. सेबी (SEBI) ने फ्यूचर प्लस सर्विसेज और इसके प्रॉपराइटर मनीष परिहार पर निवेश की सलाह देने से बैन लगा दिया है. अब ये कंपनी बिना रेगुलेटर ऑथराइजेशन के निवेश की सलाह नहीं दे पाएगी. बता दें कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया को कंपनी के खिलाफ एक शिकायत मिली थी, जिसके बाद सेबी ने मामले की जांच बैठाई और ये फैसला लिया.
बिना रजिस्ट्रेशन के दे रहे थे निवेश की सलाह
मार्केट वॉचडॉग ने बताया कि फ्यूचर प्लस सर्विसेज और परिहार (नोटिसी) कस्टमर्स को निवेश की सलाह दे रहे थे जबकि ये दोनों ही सेबी के पास रजिस्टर नहीं है. नोटिसी ने अगस्त 2016 से सितंबर 2019 तक 77.10 लाख रुपए इकट्ठा किए. सेबी ने अपने फाइनल ऑर्डर में इस बात की जानकारी दी है.
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सेबी ने दिया ये आदेश
सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने अपने ऑर्डर में कहा कि नोटिसी को मिलकर ये पैसा निवेशकों को वापस करना है. अगले तीन महीने में नोटिसी को क्लाइंट्स से मिले पैसे वापस करने हैं. बता दें कि कस्मटर ने कंपनी को फीस के तौर पर ये पैसा दिया था, जबकि कंपनी सेबी के पास निवेश की सलाह देने के लिए रजिस्टर भी नहीं थी.
मार्केट से किया बैन
इसके अलावा सेबी ने कंपनी और मोहित परिहार को सिक्योरिटीज मार्केट्स से अगले 6 महीने के लिए बैन कर दिया है. इसके अलावा ये कंपनी और मोहित परिहार लोगों को किसी तरह की एडवाइजरी सर्विस नहीं दे पाएंगे.
सेबी ने अपने ऑर्डर में कहा कि सेबी से डायरेक्टली और इनडायरेक्टली सर्टिफिकेट लिए बिना और बैन की अवधि के बाद ये कंपनी निवेशकों को इन्वेस्टमेंट की सलाह दे सकती है. इसके अलावा एक दूसरे ऑर्डर में मार्केट रेगुलेटर ने आम्रपाली आद्या ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और आद्या कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कैंसिल कर दिया है. कंपनियों ने सेबी के नियमों का उल्लंघन किया था.