SEBI action on Axis Capital: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने एक्सिस बैंक की 100 परसेंट सब्सिडियरी एक्सिस कैपिटल के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है. सेबी ने डेट के नए इश्यू लेने पर रोक लगाई है. इसके अलावा Debt इश्यू का मर्चेंट बैंकर, अरेंजर, अंडरराइटर बनने पर भी रोक लगा दी है. मामले को जांच के लिए रिजर्व बैंक के पास भी भेजा जाएगा. सेबी के मुताबिक एक्सिस कैपिटल ने गारंटी देने में एक्सिस बैंक की रेटिंग, पोजीशन का इस्तेमाल किया है. सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा, ‘एक्सिस कैपिटल ने अंडरराइटिंग (वित्तीय जानकारी के मूल्यांकन) की आड़ में एनसीडी भुनाने के लिए गारंटी दी जिसकी मौजूदा नियामकीय ढांचे में मंजूरी नहीं थी.' सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में उल्लिखित टिप्पणियों का 21 दिन के अंदर जवाब देने का एक्सिस कैपिटल को निर्देश दिया है.

अंडर राइटिंग की आड़ में गारंटी जैसी दी सुविधा, एजेंसियों ने दी ऊंची रेटिंग

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सोजो इन्फोटेल के NCD के मामले में एक्सिस कैपिटल ने मार्केट रिस्क लेने के बजाय क्रेडिट रिस्क लिया,और अंडर राइटिंग की आड़ में गारंटी जैसी सुविधा दे दी. इस गारंटी की वजह से एजेंसियों ने ऊंची रेटिंग दी, जबकि ये गारंटी या इन्डेमनिटी कानूनी तौर पर अमल कराने लायक थी और इसमें पीछे हटने की कोई गुंजाइश नहीं थी, क्योंकि ये पूरी रकम और पूरी मियाद की गारंटी थी. इस पूरे मामले में एक्सिस कैपिटल की भूमिका इश्यू मैनेजमेंट से ज्यादा सिक्योरिटी एनफोर्समेंट की गतिविधि जैसी लगती है.

किन कंपनियों से NCD से जुटाए गए थे पैसे

कंपनी रकम
अदित्य बिड़ला फाइनेंस 150 करोड़ रुपए
सन टीवी नेटवर्क 100 Cr रुपए
श्रीराम फाउंड्री 10 Cr रु

एक्सिस कैपिटल की अंडरराइटिंग का मामला क्या है? 

एक्सिस कैपिटल की अंडरराइटिंग का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है, इस बार लावा की पैरेंट कंपनी को 260 करोड़ रुपए जुटाने में मदद करने को लेकर है. यह रकम NCD के जरिए जुटाई गई थी, जिसमें एक्सिस कैपिटल बैंकर था और उसने NCD की मूल रकम के साथ-साथ ब्याज की भी गारंटी दी थी. अब आशंका जताई जा रही है कि एक्सिस कैपिटल की यह गारंटी उसे महंगी पड़ सकती है.

लावा के 26 फीसदी शेयर रखे थे गिरवी, लौटाना होगा प्रमोटर्स का पैसा

लावा का IPO फंसने से जहां कंपनी की मुश्किलें बढ़ीं, वहीं एक्सिस कैपिटल की मुश्किलें उससे भी ज्यादा गंभीर हो गई. एक्सिस कैपिटल ने लावा के 26% शेयर गिरवी रखे थे, इस उम्मीद में कि IPO के बाद शेयर की कीमत बढ़ेगी और उन्हें फायदा होगा. लेकिन सेबी को ठोस जवाब न दे पाने के कारण IPO फंस गया. अब एक्सिस कैपिटल को न सिर्फ प्रमोटर के NCD का पैसा लौटाना होगा, बल्कि गिरवी रखे शेयरों की बिक्री से भी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि उनकी कीमत NCD के तीन गुने के बराबर आंकी गई थी. इस बीच प्रमोटर पर ED की कार्रवाई ने खेल को बिगाड़ दिया है.