एक हफ्ते में SEBI का तीसरी लिस्टेड SME कंपनी पर एक्शन, निवेशकों को दी बड़ी नसीहत...जानें क्या है मामला
मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने SME कंपनी वरानियम क्लाउड पर एक्शन लेते हुए प्रमोटर हर्षवर्धन साबले पर पाबंदी लगा दी है. साथ ही निवेशकों को भी बड़ी नसीहत देते हुए आगाह किया है.
SBEI: मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने SME कंपनी वरानियम क्लाउड (Varanium Cloud) पर बड़ा एक्शन लिया है. सेबी ने वरानियम क्लाउड के प्रमोटर हर्षवर्धन साबले पर पाबंदी लगा दी है. कंपनी पर गलत वित्तीय तस्वीर पेश करने का आरोप है. बता दें कि एक हफ्ते में सेबी का ये तीसरी लिस्टेड SME कंपनी पर एक्शन है. इसके साथ ही सेबी ने निवेशकों को भी बड़ी नसीहत दी है.
कंपनी पर ये है आरोप
सेबी का आरोप है कि कंपनी ने गलत वित्तीय तस्वीर पेश की है. IPO के पैसों का गलत इस्तेमाल किया गया और इसे दूसरी कंपनी में ट्रांसफर किया गया. IPO से 40.63 करोड़ रुपए जुटाए गए और बड़ी रकम ग्रुप कंपनी को ट्रांसफर कर दी गई. ऐसी कंपनी को 60% फंड भेजा गया जो कामकाज से एकदम अलग है. कंपनी ने खूब बोनस और स्टॉक स्पिलिट से निवेशकों को लुभाया. बड़े ऐलान के बाद जब शेयर चढ़ गया फिर प्रमोटर्स हिस्सा बेचकर निकल गए. सोमवार को एड शॉप रीटेल, व्हाइट ऑर्गेनिक्स पर ऑर्डर आया था.
सेबी का आरोप है कि अधिकतर सेल्स-परचेज के आंकड़े बस लेजर एंट्री हैं. जांच में कागजों पर ही IT कंपनी चलाने की बात सामने आयी है. फिलहाल कंपनी पर एक्शन लेते हुए सेबी ने वरानियम क्लाउड के प्रमोटर हर्षवर्धन साबले पर पाबंदी लगा दी है. ऑडिटर की भूमिका की जांच के लिए केस NFRA (National Financial Reporting Authority) को रेफर किया है.
निवेशकों को सेबी की नसीहत
वरानियम क्लाउड पर एक्शन लेने के बाद सेबी ने निवेशकों को भी नसीहत दी है और SME कंपनियों में निवेश करने से पहले अच्छी तरह जांच पड़ताल करने की सलाह दी है. सेबी की ओर से निवेशकों से कहा गया है कि जल्दी से बड़ा रिटर्न कमाने के चक्कर में न पड़ें और न ही SME के निवेशक रिटर्न को लेकर गैर-वाजिब उम्मीद रखें. निवेशक रिटर्न की उम्मीद को लेकर जिम्मेदार रुख अपनाएं.
बता दें कि वरानियम क्लाउड से पहले हाल ही में सेबी ने दो अन्य एसएमई कंपनीज Add Shop E-Retail और White Organics Agro पर पाबंदी लगाई थी. इसमें प्रमोटर्स पर खुद ही कंपनियों के शेयर में पंप एंड डंप का आरोप था. एसएमई कंपनियों ने रिलेटेड पार्टी कंपनियों से ही लेनदेन कर बिजनेस ग्रोथ दिखाया था. गड़बड़ी पाए जाने के बाद सेबी ने प्रमोटर्स दिनेशभाई पांड्या और अन्य पर पाबंदी लगा दी थी.