SEBI latest news: लिस्टेड कंपनियों में चेयरमैन (Chairman) और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) के पदों को अलग-अलग करना स्वैच्छिक है. यह जरूरी नहीं है. मार्केट रेगुलेटर सेबी ने मंगलवार को यह बात स्पष्ट कर दी. बता दें, चेयरमैन और MD का पद अलग करने का नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होना था. इस नियम का पालन अब तक टॉप 500 कंपनियों में से महज 54% कंपनियों ने ही किया था. कॉरपोरेट गवर्नेंस को बेहतर करने के लिए यह नियम लाया गया था.

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विरोध भी हुआ था

खबर के मुताबिक, तय किए गए नियम के हिसाब से चेयरमैन का पद नॉन एग्जिक्यूटिव रखा जाना था. साथ ही यह भी तय था कि चेयरमैन और MD आपस में करीबी रिश्तेदार नहीं हो सकते थे. इतना ही नहीं कॉरपोरेट इंडिया में इन नियमों को लागू करने पर विरोध भी था. सेबी की नई घोषणा से अब कंपनियां अपनी मर्जी से चेयरमैन और MD का पद अलग या एक साथ रख सकेंगी.

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कई कंपनियों में सीएमडी का पद

फिलहाल कई कंपनियों ने सीएमडी (अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक) के तौर पर दो पदों का विलय कर दिया है, जिससे बोर्ड और मैनेजमेंट के कुछ ओवरलैपिंग हो गए हैं. इससे हितों का टकराव हो सकता है. इसी को देखते हुए मई 2018 में नियामक इस पद को अलग करने के मानदंड लेकर आया. 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी थी प्रतिक्रिया

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद एक विज्ञप्ति में दोनों पदों को लेकर चीजें स्पष्ट कर दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अगर भारतीय कंपनियों के इस मामले में कोई विचार हैं, तो मार्केट रेगुलेटर को इस पर गौर करना चाहिए. हालांकि, उन्होंने यह साफ किया था कि वह कोई निर्देश नहीं दे रही हैं.