भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिल सकता है, क्योंकि सप्ताह के दौरान जारी होने वाले प्रमुख घरेलू आर्थिक आंकड़ों और अंतरराष्ट्रीय बाजार से मिलने वाले संकेतों का बाजार पर असर रहेगा. इसके अलावा, महीने के आखिरी सप्ताह में फरवरी सीरीज के फ्यूचर व ऑप्शंस अनुबंधों की एक्सपायरी होने के बाद कारोबारी मार्च सीरीज में अपना पोजीशन बनाएंगे. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल से भी घरेलू शेयर बाजार को दिशा मिलेगी.

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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के रुझानों से भी बाजार की चाल तय होगी. 

सरकार की ओर से चौथी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी आंकड़े इस महीने के आखिर में जारी किए जा सकते हैं. मालूम हो कि तीसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया गया. कारोबारी सप्ताह के आखिर में फरवरी महीने के लिए निक्की इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) का आंकड़ा जारी हो सकता है जोकि जनवरी में 53.9 दर्ज किया गया था.

वहीं, विदेशों में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का भी दुनियाभर के शेयर बाजार पर असर देखने को मिलेगा जिसका प्रभाव भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ सकता है. चीन के कैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई आंकड़े फरवरी महीने के लिए एक मार्च को जारी कर सकता है और अमेरिका में मार्किट मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई का फरवरी महीने का अंतिम आंकड़ा भी सप्ताह के आखिर में आ सकता है. बैंक ऑफ कोरिया 28 फरवरी को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में ब्याज दर को लेकर फैसला ले सकता है. 

दुनियाभर के निवेशकों की नजर फिलहाल अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को सुलझाने की दिशा में चल रही बातचीत पर है. अमेरिका द्वारा चीन से आयातित वस्तुओं पर आयात शुल्क में वृद्धि लागू होने पर रोक की समय सीमा एक मार्च को समाप्त हो रही है, इसलिए इससे पहले चीन और अमेरिका के वार्ताकार इस दिशा में अंतिम नतीजों पर पहुंचे की कोशिश करेंगे.