अगर आप भी शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं तो आपके लिए एक बड़ी खबर है. अब आप अपने डीमैट अकाउंट (Demat account) को भी डेबिट या क्रेडिट कार्ड की तरह ब्लॉक करवा पाएंगे. दरअसल, ऐसा देखा गया है कि कई बार कुछ डीमैट खातों में संदिग्ध गतिविधियां होती थीं, लेकिन लोग अपने डीमैट अकाउंट को ब्लॉक (Demat account Block)  नहीं करवा पाते थे. इसी परेशानी को देखते हुए जी बिजनेस ने करीब 2 साल पहले ऑपरेशन डाका (Operation Daka) नाम से एक मुहिम चलाई थी, जिसके तहत ट्रेडर्स को जागरूक करने की कोशिश की गई थी कि वह फ्रॉड (Fraud) से कैसे बच सकते हैं. अब ऑपरेशन डाका का बड़ा असर देखने को मिल रहा है और मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) खुद ही इसे लेकर सख्त नियम बनाने की तैयारी कर रहा है.

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सेबी ने इस मामले को लेकर शुक्रवार, 12 जनवरी 12, 2024 को एक सर्कुलर जारी किया. इसमें सेबी ने कहा कि निवेशकों को जल्द ही अपने डीमैट खातों को उसी तरह फ्रीज या ब्लॉक करने की सुविधा मिलेगी, जिस तरह वे अपने बैंक खातों के साथ कर सकते हैं. इस तरह ट्रेडर्स को यह सुविधा मिलेगी कि  किसी संदिग्ध गतिविधि दिखने पर वह अपने डीमैट खाते को ब्लॉक कर सकेंगे. सेबी ने कहा कि डीमैट खाता ब्लॉक करने से संबंधित नियम 1 जुलाई से लागू होंगे. सेबी ने यह भी कहा कि वह एक्सचेंज नियमों को 1 अप्रैल तक प्रभावी बनाने के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा.

अभी कई सवालों के जवाब मिलना बाकी

अभी इस मामले में बहुत ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है, जिसके चलते कुछ सवाल भी उठ रहे हैं. अभी ये नहीं पता है कि आखिर ट्रेडर्स किस तरह अपने ब्रोकर को डीमैट अकाउंट ब्लॉक कराने की जानकारी देंगे. यह भी नहीं पता है कि एक बार ब्लॉक होने के बाद वह कैसे और कितने दिनों में रीएक्टिवेट होगा. कितने वक्त में ट्रेडर्स को ब्रोकर की तरफ से जवाब मिलेगा, अभी इस पर भी बात होनी बाकी है. 1 अप्रैल तक स्टॉक एक्सचेंज की तरफ से नियम और दिशा-निर्देश बना दिए जाएंगे, जिसके बाद फाइनल नियम सामने आएंगे.

क्यों पड़ रही ऐसा नियम बनाने की जरूरत?

डीमैट अकाउंट को ब्लॉक करने से जुड़े नियम बनाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि पिछले सालों में देखा गया कि कई बार डीमैट अकाउंट को हैक कर के उसमें कुछ संदिग्ध गतिविधियां हुईं. यह भी देखने को मिला की ऐसी स्थिति में जब ट्रेडर की तरफ से शिकायत की जाती थी, तो ब्रोकरेज फर्म के ग्राहक सेवा अधिकारी कई बार शिकायत को समझ ही नहीं पाते थे और दिक्कत बढ़ती जाती थी.