नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के को-लोकेशन घोटाले में जांच का सामना कर रही NSE की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण को दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को जमानत दे दी. इस केस में दूसरे आरोपी आनंद सुब्रमण्यम को भी जमानत मिल गई है. सुब्रमण्यम पहले NSE के ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर रह चुके हैं. और वो मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर रहीं चित्रा रामकृष्ण के सलाहकार भी थे.

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देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में हुए घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है. इस मामले में 2018 में केस दर्ज किया था. इस साल 6 मार्च को चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया गया था. इसके पहले एक ट्रायल कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. वहीं, आनंद सुब्रमण्यम को इसके पहले ही 24 फरवरी को गिरफ्तार किया जा चुका था.

क्या है NSE Co-location Scam?

को-लोकेशन स्कैम मामले में साल 2018 में एफआईआर दर्ज हुई थी. एनएसई की को-लोकेशन सेवा होती है, जिसके तहत ब्रोकरेज फर्म्स को अपने सर्वर एनएसई कैंपस में रखने की अनुमति होती है, इससे उन्हें मार्केट अपडेट्स तेजी से मिलते हैं. लेकिन जांच में सामने आया कि इस सर्विस के जरिए कुछ ब्रोकर्स ने छेड़छाड़ करके करोड़ों का मुनाफा कमाया है. आरोप थे कि NSE ने कुछ ट्रेडर्स को एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग को बढ़ाने के लिए कुछ ब्रोकर्स को अवैध तरीके से इसका एक्सेस दिया था. इसको लेकर सीबीआई ने चित्रा रामकृष्ण और आनंद सुब्रमण्यम से पूछताछ की थी.

SEBI की रिपोर्ट में हुए थे हैरान करने वाले खुलासे

इसके बाद NSE में कॉरपोरेट गवर्नेंस में कई कमियों को लेकर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की, और जो चीजें सामने आईं, वो हैरान करने वाली थीं. रामकृष्ण पर आरोप लगे थे कि वो NSE की टॉप पोस्ट पर बैठकर अपने पद और अपने अधिकारों का बुरी तरह से इस्तेमाल कर रही थीं. उन पर आरोप है कि उन्होंने आनंद सुब्रमण्यम की हायरिंग और प्रमोशन स्टॉक एक्सचेंज के बोर्ड और NRC की अनुमति के बिना की थी. कंपनी के अंदर से आरोप उठे थे कि सुब्रमण्यम के पास इससे जुड़ा कोई एक्सपीरियंस नहीं था, जिसके लिए उन्हें हायर किया गया था. रामकृष्ण ने अवैध तरीके से सुब्रमण्यम की सैलरी भी बढ़ाई थी. 

पूर्व एमडी और सीईओ पर जो सबसे बड़ा आरोप लगा वो ये था कि वो 'हिमालय पर बैठे किसी योगी' से सलाह लेकर NSE का कामकाज चला रही थीं और उसकी ही सलाह से फैसले लेती थीं. 

SEBI ने एनएसई, रामकृष्ण और रवि नारायण समेत दो दूसरे अधिकारियों पर सीनियर लेवल पर भर्ती में खामियों को लेकर जुर्माना लगाया था. नारायण 1994 से मार्च, 2013 तक एनएसई के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर.जबकि रामकृष्ण अप्रैल, 2013 से दिसंबर, 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ थीं.

(ANI से इनपुट के साथ)